गर्भावस्था के दौरान हाथ-पैर में सूजन आम समस्या है, जिसे मेडिकल भाषा में एडिमा कहा जाता है। यह सूजन शरीर में तरल पदार्थ के इकट्ठा होने के कारण होती है, विशेषकर पैरों, टखनों और हाथों में। जबकि यह सामान्य होता है, कभी-कभी यह असुविधाजनक और गंभीर भी हो सकता है। सूजन को समझने और नियंत्रित करने के लिए यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई है:
सूजन के कारण
खून की मात्रा में वृद्धि
गर्भवती महिलाओं के शरीर में गर्भ में पलते शिशु और प्लेसेंटा को पोषण देने के लिए खून और तरल पदार्थ की मात्रा में वृद्धि होती है। यह वृद्धि सामान्य से 50 प्रतिशत तक हो सकती है, जिससे शरीर में पानी जमा हो जाता है।
गर्भाशय का दबाव
जैसे-जैसे गर्भाशय का आकार बढ़ता है, यह पेल्विस की नसों और वेना कावा पर दबाव डालता है। इससे पैरों से हृदय की ओर खून का प्रवाह प्रभावित होता है और तरल पदार्थ निचले हिस्सों में जमा होने लगता है।
आहार का असर
भोजन में सोडियम की अधिकता सूजन को बढ़ा सकती है। सोडियम की अधिक मात्रा को संतुलित करने के लिए शरीर अतिरिक्त पानी जमा करता है, जिससे सूजन बढ़ जाती है।
हार्मोन में बदलाव
गर्भावस्था में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन रक्तवाहिनियों को लचीला बना देता है, जिससे तरल पदार्थ कोशिकाओं में फैल जाता है और सूजन उत्पन्न होती है।
गर्मी और शारीरिक गतिविधि
गर्म मौसम और लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे या खड़े रहने से सूजन की समस्या बढ़ सकती है।
सूजन के लक्षण
सूजन: पैरों, टखनों, हाथों और कभी-कभी चेहरे पर सूजन देखी जा सकती है।
गड्ढा बनना: सूजन वाले हिस्से को दबाने पर गड्ढा बन जाता है जो धीरे-धीरे भरता है।
खिंचाव: सूजन वाले हिस्से में त्वचा खिंची हुई महसूस हो सकती है।
सामान्य गतिविधियों में कठिनाई: हाथों और उंगलियों में सूजन से चीजें पकड़ना और उंगलियां मोड़ना मुश्किल हो सकता है।
सूजन की रोकथाम और प्रबंधन
पानी का सेवन
पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से सूजन कम हो सकती है। हर दिन 8-10 गिलास पानी पीना फायदेमंद है।
नमक का सेवन कम करें
आहार में नमक की मात्रा कम करने से सूजन में कमी आ सकती है। प्रोसेस्ड फूड से बचें क्योंकि इनमें सोडियम की मात्रा अधिक होती है। पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे केले, पालक और शकरकंद भी सहायक होते हैं।
हल्का व्यायाम
हल्का व्यायाम, जैसे टहलीक, तैराकी और प्री-नैटल योगा, रक्तसंचार में सुधार लाते हैं और सूजन कम करने में मदद करते हैं।
पैरों को ऊपर उठाना
दिन में कुछ बार दीवार के पास लेटकर और पैरों को दीवार के सहारे ऊपर उठाकर 20 मिनट तक रखने से रक्तसंचार में सुधार होता है और सूजन कम होती है।
आरामदायक कपड़े और जूते
ढीले और आरामदायक कपड़े और जूते पहनने से खून का प्रवाह बेहतर होता है और सूजन में कमी आती है।
कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स
कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स पहनने से पैरों और टखनों में रक्तसंचार बेहतर होता है और सूजन कम होती है।
समय-समय पर उठना और चलना
लंबे समय तक एक ही स्थिति में न बैठे और समय-समय पर चलें, जिससे शरीर के निचले हिस्से में तरल पदार्थ इकट्ठा होने से रोका जा सके।
एप्सम सॉल्ट और ठंडी सिंकाई
एप्सम सॉल्ट वाले पानी में कुछ समय लेटने और ठंडी सिंकाई करने से सूजन में राहत मिल सकती है।
इन उपायों को अपनाकर गर्भावस्था के दौरान सूजन को नियंत्रित किया जा सकता है और इससे जुड़ी असुविधा को कम किया जा सकता है।
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