लखनऊ: किसी से दोस्ती करना, किसी के साथ कारोबार करना, किसी से नजदीकी बढ़ाना, किसी को प्यार के जाल में फंसाना, इन सबका आखिरी मकसद सिर्फ उस व्यक्ति को इस्लाम कबूल करवाना हो सकता है, ऐसा किसी ने सोचा नहीं था। कभी ऑनलाइन गेम खेलने के बहाने बच्चों को बरगलाकर उन्हें मुसलमान बनाया जा रहा है, तो कहीं लड़कियों को गलत पहचान बताकर उनका विश्वास जीता जाता है, फिर इस्लाम के नाम पर उनके साथ विश्वासघात किया जा रहा है।
ऐसे सैकड़ों केस आपको मिल जाएंगे, सिर्फ किसी गैर-मुस्लिम को इस्लाम कबूल करवाने के लिए मुसलमानों ने जुर्म की सारी हदें पार कर दी। लेकिन, इसके बावजूद प्रशासन और सरकार इस घिनौने कृत्य की जड़ पता लगाने में नाकाम रही है कि आखिर क्यों मुस्लिम समुदाय के लोग, पूरी दुनिया को मुसलमान बनाने के पीछे पड़े हैं। आखिर इससे वे क्या हासिल कर लेंगे ? पहले मुगलों-नवाबों के समय मार-मारकर मुसलमान बनाया जाता था, लेकिन अब वो ताकत नहीं बची, तो ये अपराधी धोखे का सहारा लेने लगे हैं।
इसी धोखे का एक हैरतअंगेज़ मामला उत्तर प्रदेश से सामने आया है, जहाँ एक लड़की को जान देकर एक मुस्लिम लड़के से दोस्ती करने की कीमत चुकानी पड़ी। यूपी के बरेली में एक हिन्दू युवती ने फांसी लगा कर ख़ुदकुशी कर ली। रिपोर्ट के अनुसार, गुलफाम नामक एक मुस्लिम शख्स, उस पर अपना धर्म बदलकर इस्लाम कबूलने का दबाव बना रहा था। हिन्दू युवती मूल रूप से पीलीभीत के बीसलपुर की निवासी थी और बरेली में रह कर एम एड की शिक्षा प्राप्त कर रही थी। यहीं उसके साथ गुलफाम भी काम करता था।
गुलफाम एक अस्पताल में वार्ड बॉय का काम करता था। लेकिन, उसने खुद को डॉक्टर बता कर ही कमरा किराए पर लिया था और इसी पहचान के साथ उसने युवती से दोस्ती बढ़ानी शुरू की। मुस्लिम समुदाय का गुलफाम वहां हिन्दू बनकर रहता था, और उसने मकान मालिक को भी अपनी हिन्दू पहचान बता रखी थी। पीड़िता भी उसे हिन्दू समझती थी और डॉक्टर भी, एक छात्रा होने के नाते उसने सोचा कि आरोपी डॉक्टर है, पढ़ने-लिखने में उसकी मदद कर सकता है। इसी दौरान दोनों में करीबियां बढ़ गईं।
लेकिन, कुछ दिनों में परिजनों ने हिन्दू युवती की शादी उसकी ही बिरादरी में कहीं तय कर दी। इसके बाद गुलफाम ने उसको प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। परिजनों का कहना है कि गुलफाम उस पर इस्लाम कबूलने के लिए दबाव बनाता था। इससे परेशान युवती ने फांसी ने लगाकर जान दे दी। पुलिस ने परिजनों की FIR के आधार पर गुलफाम को अरेस्ट कर लिया है। लेकिन एक और हिन्दू लड़की कि मौत के बावजूद, सवाल जस का तस है कि आखिर क्यों ये आतंकी लोग, पूरी दुनिया को मुसलमान बनाने पर तुले हुए हैं और दूसरे समुदाय के लोग इनसे कैसे बचें? इतने धोखे और फरेब के जरिए लोगों को मुसलमान बनाने की घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन प्रशासन बस केस दर्ज कर इतिश्री कर ले रहा है, इसकी जड़ का पता कब लगाया जाएगा ? कि आखिर इन जिहादियों में ये सोच आती कहाँ से है, जो ये हर कुकर्म करके अन्य लोगों को मुसलमान बनाने में लगे हुए हैं।