कहा जाता है कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस कहते हैं और इस दिन घर के द्वार पर तेरह दीपक जलाकर रखे जाते हैं. ऐसे में यह त्यौहार दिवाली आने के पहले आता है और इस दिन नए बर्तन खरीदना शुभ होता है कहते हैं धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज और भगवान धनवंतरी की पूजा का महत्व खा है. अब आइए जानते हैं धनतेरस का त्यौहार क्यों मनाते हैं.
कहते हैं भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य का स्थान धन से ऊपर माना जाता रहा है और यह कहावत आज भी प्रचलित है कि 'पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में माया' इसलिए दीपावली में सबसे पहले धनतेरस को महत्व दिया जाता है कहते हैं यह भारतीय संस्कृति के हिसाब से बिल्कुल अनुकूल है और वहीं शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। मान्यता है कि भगवान धनवंतरी विष्णु के अंशावतार हैं। संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धनवंतरी का अवतार लिया था। भगवान धनवंतरी के प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।
क्या खास करें- इस दिन अपने घर की सफाई अवश्य करनी चाहिए और इस दिन अपने सामर्थ्य अनुसार किसी भी रूप में चांदी एवं अन्य धातु खरीदना शुभ माना जाता है. कहते हैं धन संपत्ति की प्राप्ति हेतु कुबेर देवता के लिए इस दिन घर के पूजा स्थल पर दीप दान करना चाहिए और मृत्यु देवता यमराज के लिए मुख्य द्वार पर भी दीप दान करना चाहिए.
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