भाजपा के पिछड़ने पर क्यों डगमगाता है शेयर बाजार? चुनावी नतीजे देख 600 अंक उछला

भाजपा के पिछड़ने पर क्यों डगमगाता है शेयर बाजार? चुनावी नतीजे देख 600 अंक उछला
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चंडीगढ़: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के नतीजे सामने आ रहे हैं, और जैसे-जैसे ये नतीजे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में जा रहे हैं, इसका सकारात्मक असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखाई देने लगा है। हरियाणा में भाजपा की जबरदस्त बढ़त और जम्मू-कश्मीर के सकारात्मक रुझानों ने शेयर बाजार में उछाल ला दिया है। जहां दिन की शुरुआत में बाजार में सुस्ती थी, वहीं दोपहर तक जैसे ही भाजपा ने सीटों पर बढ़त बनानी शुरू की, बाजार ने भी तेजी से ऊपर उठना शुरू कर दिया।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स, जो शुरुआत में गिरावट के साथ खुला था, दोपहर 1:30 बजे तक 617.35 अंकों की बढ़त के साथ 81,669 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी इसी रफ्तार से ऊपर चढ़ा और 200 अंकों की तेजी के साथ 25,000 के पार निकल गया। दरअसल, शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से गिरावट का सिलसिला जारी था, जब से एग्जिट पोल्स में भाजपा को पिछड़ते हुए दिखाया जा रहा था। बीते सोमवार को भी सेंसेक्स में 638 अंकों की गिरावट देखी गई थी, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ था। पिछले छह दिनों में सेंसेक्स करीब 4,700 अंक गिरा था, जिससे निवेशकों के करीब 25 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए थे।

हालांकि, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनावी नतीजों में भाजपा की बढ़त ने बाजार में तेजी ला दी है। BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी दोनों ही ऊंचाई पर कारोबार कर रहे हैं। इसके पीछे की वजह यह है कि निवेशकों को भाजपा की सरकार पर भरोसा है। उनका मानना है कि भाजपा के शासन में उद्योगों को फायदा होगा और बाजार स्थिर रहेगा और इसलिए उनका पैसा डूबने का कोई खतरा नहीं है।  विशेषज्ञों का मानना है कि हरियाणा जैसे औद्योगिक राज्य में अगर सत्ता परिवर्तन होता और कांग्रेस सत्ता में आती, तो इससे नीति निर्माण में बदलाव की संभावना थी, जिससे बाजार में अस्थिरता आ सकती थी।आसान भाषा में कहें तो कोई भी कारोबारी वहां दुकान खोलना चाहेगा, जहाँ उसकी दुकान सुरक्षित हो, गुंडागर्दी, हफ्तावसूली ना होती हो, पुलिस-अधिकारी बेवजह तंग ना करते हों और उसे मुनाफा होता हो, अगर उसे लगेगा कि असुरक्षा आने वाली है, तो वो पहले दूकान बेचकर भागेगा और इसी तरह पैसा निकालने से शेयर बाजार भी डगमगाता है

एग्जिट पोल के विपरीत जब हरियाणा में भाजपा ने कांग्रेस को पछाड़ते हुए सीटों पर बढ़त बनाई, तो बाजार ने भी तेजी पकड़ी। सेंसेक्स 600 अंक से ज्यादा उछल गया, जबकि निफ्टी 200 अंकों की छलांग लगाकर 25,000 के ऊपर पहुंच गया। इस तरह से भाजपा की सफलता का सीधा फायदा भारतीय शेयर बाजार को मिला, और निवेशकों ने राहत की सांस ली। दरअसल, जब भाजपा पिछड़ती हुई दिखती है, तो निवेशक अपने पैसे निकालने लगते हैं कि, कहीं सत्ता परिवर्तन के बाद पैसा डूब ना जाए। इसे भाजपा की एक अच्छी छवि भी कह सकते हैं कि, निवेशक उस पर भरोसा करते हैं, कि वो सुशासन देगी, गुंडाराज और भ्रष्टाचार नहीं होगा। ऐसा ही लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिला था, जब भाजपा थोड़ी पिछड़ने लगी, तो शेयर बाजार में हाहाकार मच गया, क्योंकि निवेशक भारत से अपना पैसा निकालने लगे थे। हालाँकि, जब NDA ने बहुमत प्राप्त कर लिया, उसके बाद बाजार फिर स्थिर हो गया। इस चुनाव के नतीजे एक बार फिर से यह साबित करते हैं कि जब भाजपा सत्ता में होती है, तो बाजार में स्थिरता और तेजी देखी जाती है।

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