भारतीय संस्कृति में पूजा पाठ को अधिक महत्व दिया जाता है वहीं हिन्दू धर्म में हमेशा ख़ास तरीके से पूजा की जाती है. हिन्दू धर्म के मुताबिक़ जो व्यक्ति सही तरीके से पूजा पाठ करता है उससे भगवान अधिक प्रसन्न होते है और उसकी हर मुराद पूरी होती है. आपने हमेशा देखा होगा कि जब पूजा होती है इस दौरान हर स्त्री अपने सिर पर पल्लू रखती है वहीं पुरुष भी रुमाल से अपना सिर ढँक लेते हैं.
लेकिन क्या आपने इसके बारे में कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है. अगर नहीं तो आज हम आपको बताएँगे इससे जुडी कुछ ख़ास बातों को जिन्हें आप शायद ही जानते होंगे. ज्योतिशास्त्र के अनुसार बताया गया है कि पूजा करते दौरान सर ढंकने से व्यक्ति के मन की एकाग्रता बनी रहती है.
ऐसा कहा गया है कि जो व्यक्ति पूजा के समय सर नहीं ढंकते है उनके अंदर क्रोध अधिक रहता है जो उसके सर दर्द और आँखों की कमजोरी बन सकता है. इसलिए माना जाता है कि पूजा के समय हर किसी को अपना सर ढंकना चाहिए. यही वजह है कि प्राचीन समय से कई जगहों पर पुरुष पगड़ी बांधते हैं तो कई स्त्रियाँ अपने सर पर पल्लू लिए रहती हैं.
आपने कई औरतों को देखा होगा कि वह हमेशा अपना सर पर पल्लू लिए रहती है. उनके पूरे समय सर पर पल्लू रखना का मतलब अपने बड़ों को सम्मान देना होता है. वहीं पूजा करते समय सर ढंकने से स्त्री हो या पुरुष दोनों को बहुत लाभ मिलता है. इस दौरान मन तो शांत रहता ही है साथ ही आप पूजा भी एकाग्र से कर पातें है.
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