पीरियड्स महिलाओं के लिए एक अभिशाप के जैसा माना जाता हैं. खासकर अगर बात की जाए भारत की ही तो यहाँ पर महिलाओं के साथ तो पीरियड्स के दौरान बहुत बुरा बर्ताव किया जाता हैं. हिन्दू धर्म में महिलाओं को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी जाती है. ऐसा कहा जाता है कि महिलाएं पीरियड्स में मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती है. आज तक आपने भी इस बारे में सिर्फ सुना ही होगा लेकिन हम आपको आज तक इसके पीछे का रहस्य या कारण बताने जा रहे हैं. आपको बता दें अलग-अलग धर्मों में इसका अलग-अलग कारण बताया गया है. आज हम आपको हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्मों में माने जाने वाले कारण के बारे में बता रहे है-
ईसाई धर्म
ईसाई धर्म में ऐसा माना जाता है कि पीरियड्स का खून सूअर के मांस जितना ही ख़राब होता है. पुराने समय में toइस धर्म में पीरियड्स के दौरान महिलाए घर से बाहर रहती थी और वो अपना खाना, बर्तन और कपड़े सब अलग ही रखती थी.
सिख धर्म
सिख धर्म में पीरियड्स के दिनों को दूषित माना जाता है. इस दौरान महिलाओं को हर एक काम करने से मना कर दिया जाता है और सभी से दूर भी रखा जाता है.
हिन्दू धर्म
हिन्दू धर्म में पीरियड्स के दौरान महिलाओं को घर के सभी सदस्य और सामानों से दूर रहना पड़ता हैं. साथ ही किसी भी महिला को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता है.
मुस्लिम धर्म
इस्लाम में पीरियड्स के दौरान लडकियां या महिलाए नमाज़ नहीं पढ़ सकती है. इसी के साथ पीरियड्स में होने वाली महिलाएं इन दिनों में अपने पति से भी दूर रहती हैं क्योकि वो अपवित्र रहती है.
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