भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध धरने पर बैठी महिला पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए पूछा कि अब तक सभी पीड़िताओं के बयान अब तक दर्ज नहीं किया गया है? इतना ही नहीं कोर्ट ने पूछा कि कब इनके बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए जाने वाले है.
सुप्रीम कोर्ट में क्या क्या हुआ?:
याचिकाकर्ता की ओर क्या क्या कहा गया?
- पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बोला है कि पुलिस केस की ठीक से जांच नहीं कर रही है.
- पहलवानों की ओर से पेश वकील हुड्डा ने बोला है कि, 21 अप्रैल को शिकायतकर्ता थाने पहुंचे. शिकायत की रसीद देने में पुलिस ने 2 घंटे लगाए. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट में केस में आने के उपरांत 28 अप्रैल को FIR दर्ज की गई.
- पहलवानों के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि 29 अप्रैल को पुलिस ने नाबालिग को पूछताछ के लिए बुलाया था. उससे 3 घंटे पूछताछ भी की गई.
सॉलिसिटर जनरल ने कहा?
- सॉलिसिटर जनरल ने कहा, 7 शिकायतें थीं, ऐसे में दर्ज करने में वक़्त भी लग गया.
- नाबालिग से पूछताछ पर सॉलिसिटर जनरल ने बोला है, वकील के कार्यालय में उससे पूछताछ की गई! हमें शिकायतकर्ता से पूछताछ और जांच करनी होती है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या क्या कहा?
- सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए पूछा कि अब तक सभी पीड़िताओं के बयान क्यों दर्ज नहीं हो पाए है?
- कोर्ट ने पूछा कि कब इनके बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करवाए पाए.
23 अप्रैल से पहलवानों का धरना जारी: दरअसल, जंतर मंतर पर पहलवान 23 अप्रैल से कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध मोर्चा खोले हुए हैं. पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का इल्जाम भी लगा दिए है और उनकी गिरफ्तारी की मांग भी करने लगे है. पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल कर बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का केस दर्ज कराने का आदेश देने की मांग की थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस भी जारी कर दिया गया है.
दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो मामले किए दर्ज: खबरों का कहना है कि बाद में दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवानों की शिकायत पर बृजभूषण सिंह के विरुद्ध दो केस दर्ज किए थे. नाबालिग की शिकायत पर पहली FIR में बृजभूषण के विरुद्ध पॉक्सो एक्ट लगाया गया है. वहीं दूसरी FIR में धारा 345, धारा 345(ए), धारा 354 (डी) और धारा 34 लगाई गई हैं.
इतना ही नहीं दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, जिन महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के इल्जाम लगाए हैं, उनके बयान में जिक्र जगहों और इवेंट के बारे में फेडरेशन और कंसर्न ऑथोरिटी से जानकारी भी ली जाने वाली है. ताकि पुलिस आरोपों की सच्चाई का पता लगा सके. खबरों का कहना है कि जानकारी मिलने के बाद पुलिस उस समय वहां मौजूद लोगों के भी बयान दर्ज करने वाले है. अब तक पुलिस ने कुछ शिकायतकर्ता पहलवानों ने बयान दर्ज किए हैं, कुछ के बयान जल्द दर्ज किए जाएंगे. हालांकि, किसी भी शिकायतकर्ता के कोर्ट में बयान दर्ज नहीं करवाए जा चुकी है.
पहलवानों ने दिल्ली पुलिस पर लगाया हाथापाई का आरोप: इसी दौरान पहलवानों ने इल्जाम लगाया है कि बुधवार रात पुलिस ने पहलवानों के साथ जंतर मंतर पर हाथापाई भी की थी. पहलवानों का बोलना है कि बारिश से हमारे गद्दे भीग गए थे तो हम सोने के लिए फोल्डिंग बेड ला रहे थे, लेकिन पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी. नशे में धुत पुलिसकर्मी धर्मेंद्र ने विनेश फोगट को गाली दी और हमारे साथ हाथापाई की. उन्होंने हमें मारना शुरू किया है .
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