हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है जो महिलाओं को समर्पित होता है. ऐसे में आप सभी जानते ही होंगे कि विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इंटरनेशनल वुमन्स डे महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों इस दिन को मनाने के लिए 8 तारीख चुनी गई.
क्यों 8 मार्च को मनाते हैं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस - जी दरअसल सबसे पहली बार 1909 में अंतरराष्ट्रिय महिला दिवस मनाया गया था. वहीं 28 फरवरी, 1909 को पहली बार अमेरिका में महिला दिवस सेलिब्रेट किया गया और सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क में 1908 में गारमेंट वर्कर्स की हड़ताल को सम्मान देने के लिए इस दिन का चयन किया ताकि इस दिन महिलाएं काम के कम घंटे और बेहतर वेतनमान के लिए अपना विरोध और मांग दर्ज करवा सकें. कहा जाता है रुसी महिलाओं ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 28 फरवरी को मनाकर पहले विश्व युद्ध का विरोध दर्ज किया. वहीं यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां कीं थीं और इसी वजह से आधिकारिक तौर पर यूनाइटेड नेशन्स ने 8 मार्च, 1975 को पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था और तभी से यह दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने के लिए सही माना गया.
कहाँ-कहाँ मनाते हैं - वैसे इस दिन को भारत के साथ-साथ विदेशों में भी मनाते हैं. जी दरअसल सबसे पहला महिला दिवस न्यूयॉर्क शहर में 1909 में एक समाजवादी राजनीतिक कार्यक्रम के तौर पर मनाया गया उसके बाद आगे चलकर 1917 में सोवियत संघ ने 8 मार्च को राष्ट्रीय छुट्टी घोषित किया. वहीं अब पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का चलन है. वैसे इसे मनाने के लिए इस दिन घर हो या ऑफिस, सभी महिलाओं को स्पेशल ट्रीटमेंट कराया जाता है और उन्हें गुलाब, गिफ्ट्स और चॉकलेट देकर इस दिन को मनाया जाता है. कई लोग इस दिन उन्हें एक खास पार्टी देते है. वहीं कहीं-कहीं, खास ऑफिसों में वुमन्स डे दिन महिलाओं को छुट्टी दी जाती है या फिर हाफ डे दे दिया जाता है.
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