बीजिंग: चीन इस समय एक बड़े मिशन के तहत धरती के अंदर 11 किलोमीटर गहरा गढ्ढा खोद रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह कार्य चीन के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र झिंजियांग में तारिम बेसिन के एक रेगिस्तान में किया जा रहा है। यहां मंगलवार सुबह से ड्रिलिंग आरम्भ हो चुकी है। बताया जा रहा है कि चीन एवरेस्ट की ऊंचाई से भी अधिक गहरा गढ्ढा खोदने में जुटा हुआ है। चीन के सरकारी मीडिया के मुताबिक, वह धरती के नीचे क्रिटासियस सतह की तलाश कर रहा है। क्रेटिसियस एक भूगर्भीय काल है, जिसका इतिहास 145 मिलियन प्राचीन है। यह चीन का सबसे गहरा मानव निर्मित गढ्ढा होगा।
चीनी मीडिया के मुताबिक, चीन के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र झिंजियांग में तारिम बेसिन के एक रेगिस्तान में मंगलवार (7 जून) से ड्रिलिंग आरम्भ हो गई है। 11,100 मीटर की गहराई के साथ, अधिकारी धरती के नीचे 10 से अधिक महाद्वीपीय स्तरों को खोजेंगे। जिसके बाद क्रेटासियस सिस्टम तक पहुंचा जा सकेगा। चीन की इस परियोजना के 457 दिनों में पूरा होने की संभावना जताई जा रही है। चीनी राज्य मीडिया इस अभियान को पृथ्वी की खोज में एक मील का पत्थर कह रहा है।
चीन की इस परियोजना की कई अहम बाते हैं। पहला जिस दिन चीन ने इस अभियान का आगाज़ किया, उसी दिन चीन से तीन अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेश स्टेशन के लिए भेजा गया। चीनी मीडिया इस अभियान को विज्ञान और तकनीकी की दृष्टि से बेहद अहम बता रहा है। एक बयान में चीन के अग्रणी तेल और गैस उत्पादक चीन नेशनल पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन ने कहा कि इसमें वैज्ञानिकों को पृथ्वी की आंतरिक संरचना तथा विकास का अध्ययन करने और भूविज्ञान अनुसंधान के लिए डेटा प्रदान करने में सहायता मिलेगी। ऑपरेटर दिन-रात बगैर रुके काम कर रहे हैं। इस काम को शिफ्ट में किया जा रहा है।
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