मुख्तार अंसारी पर इतनी ‘मेहरबान’ क्यों है कांग्रेस...?

मुख्तार अंसारी पर इतनी ‘मेहरबान’ क्यों है कांग्रेस...?
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चंडीगढ़: मुख़्तार अंसारी, एक ऐसा नाम जो दशकों तक उत्तर प्रदेश में खौफ का पर्याय रहा। अपने काले कारनामों को छिपाने के लिए उसने सफ़ेद खादी का सहारा लिया और सियासी संरक्षण भी हासिल कर लिया। वैसे तो मुख़्तार अंसारी ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर अपने सियासी करियर की शुरुआत की थी, लेकिन समुदाय विशेष का होने के कारण मुख़्तार पर समाजवादी पार्टी (सपा), कांग्रेस भी पूरी तरह मेहरबान रही। ये बातें अब धीरे-धीरे सामने आ रहीं हैं कि, किस तरह पूर्व की सरकारों में मुख़्तार ने कांग्रेस नेता अवधेश राय मर्डर केस की केस डायरी ही कोर्ट से गायब करवा दी थी, ताकि कानून का फंदा उस तक न पहुँच सके। कैसे उसने अपनी मनपसंद मछलियां खाने के लिए जेल में ही तालाब खुदवा दिया था, बड़े-बड़े अधिकारी उसके साथ जेल में बैडमिंटन खेलने आया करते थे। इन तमाम बातों का खुलासा उत्तर प्रदेश पुलिस में IG (लॉ एंड ऑर्डर) रहे बृजलाल ने किया है, जो मुख़्तार के खिलाफ एक्शन तो लेना चाहते थे, लेकिन सरकारों ने उनके हाथ बाँध रखे थे। अब इस बात का स्पष्ट खुलासा हो रहा है कि, किस तरह कांग्रेस पार्टी, गैंगस्टर माफिया मुख़्तार अंसारी पर मेहरबान रही है, जिसने उसी की पार्टी के उभरते नेता अवधेश राय की हत्या करवा दी थी, लेकिन यह शायद वोट बैंक की लालच ही थी कि, इतना सब होने के बावजूद कांग्रेस के तत्कालीन वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और सलमान खुर्शीद अदालतों में मुख़्तार की वकालत करते नज़र आ चुके हैं। 

 

अब पंजाब के सीएम भगवंत मान ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि राज्य की सत्ता में रहते हुए कांग्रेस सरकार ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को बचाने में ‘मदद’ की थी। इसके साथ ही सीएम मान ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर रोपड़ जिले में गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटों को वक्फ बोर्ड की भूमि आवंटित करने का भी इल्जाम लगाया है। मान ने मंगलवार (4 जुलाई 2023) को मीडिया से मुखातिब होते हुए ये आरोप लगाए। हालाँकि, कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन करने वाले पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भगवंत मान के इन आरोपों को नकारा है। उन्होंने कहा है कि वह कभी भी मुख्तार अंसारी से नहीं मिले। कैप्टन अमरिंदर के इस जवाब पर पलटवार करते हुए भगवंत मान ने कहा कि अमरिंदर सिंह को अपने बेटे रनिंदर सिंह से पूछना चाहिए कि उन्होंने मुख्तार अंसारी से कितनी दफा मुलाकात की है। सीएम मान ने कहा है कि रनिंदर, मुख्तार से कई बार मिले हैं। मगर, अमरिंदर सिंह लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

सीएम मान ने अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार पर रोपड़ में वक्फ बोर्ड की भूमि मुख्तार के बेटों को देने का भी आरोप लगाया। भगवंत मान ने वक्फ बोर्ड की जमीन आवंटन के दस्तावेज़ मीडिया के सामने दिखाते हुए कहा है कि अमरिंदर सिंह को बताना चाहिए कि उनके दखल के बिना मुख्तार के बेटों अब्बास और उमर अंसारी को जमीन किस तरह आवंटित कर दी गई। इसके अलावा सीएम मान ने तत्कलीन कांग्रेस सरकार और मुख्तार अंसारी के काले कारनामों से संबंधित कई सबूत जल्द ही पेश करने का दावा किया।

 

बता दें कि पंजाब पुलिस ने मुख्तार को मोहाली के एक रियल एस्टेट कारोबारी से 10 करोड़ रुपए की फिरौती माँगने के इल्जाम में अरेस्ट किया था। सीएम मान का दावा है कि यूपी की बांदा जेल में बंद रहे मुख्तार अंसारी को पंजाब पुलिस ऐसे वक़्त में लेकर आई थी, जब उस पर यूपी की MP/MLA कोर्ट में केस चल रहा था। उन्होंने आगे कहा है कि यदि अंसारी को यूपी से पंजाब शिफ्ट नहीं किया गया होता तो MP/MLA कोर्ट में फैसला 3 महीने में ही हो गया होता।

मुख्तार को पंजाब ट्रासंफर किए जाने के बाद यूपी पुलिस ने पंजाब सरकार से मुख्तार को सौंपने के लिए 27 दफा आग्रह किया था। मगर, पंजाब सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद यूपी पुलिस ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी पुलिस को मुख्तार की हिरासत मिली थी। सीएम मान ने बताया कि पंजाब की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने मुख्तार को बचाने के लिए वकीलों पर काफी अधिक पैसा खर्च किया था। 


पंजाब के सीएम ने यह भी कहा है कि मुख्तार अंसारी के जेल में रहने के दौरान कांग्रेस सरकार ने उस पर 55 लाख रुपए खर्च किए थे। उनकी सरकार पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा से यह पैसा वसूल करेगी। पंजाब सरकार ने मुख्तार को यूपी ट्रांसफर करने से रोकने के लिए शीर्ष अदालत में वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे को अपना वकील नियुक्त किया था। दवे को फीस के रूप में 55 लाख रुपए दिए जाने थे। हालाँकि इसके बाद सरकार गिर गई और यह पैसा दवे को नहीं मिल सका।


इस पैसे को लेकर सीएम मान ने एक बयान में कहा कि वह वकील दुष्यंत दवे (मुख़्तार का मुकदमा लड़ने वाले) को सरकारी खजाने से पैसा नहीं देंगे, बल्कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुखिया से इसकी वसूली की जाएगी। भगवंत मान ने यह भी कहा है कि जब मुख्तार पंजाब की जेल में कैद था, तब अमरिंदर सिंह सरकार द्वारा उसे VIP ट्रीटमेंट दिया जा रहा था। सीएम मान ने दावा करते हुए कहा है कि मुख्तार अंसारी जब रोपड़ जेल में कैद था, तब उसकी पत्नी जेल के पीछे बनी एक कोठी में रहती थी। हालाँकि, इस पूरे घटनाक्रम को देखने के बाद ये सवाल सबके मन में उठता है कि, आखिर कांग्रेस अपने ही नेता अवधेश राय की हत्या करवाने वाले मुख़्तार अंसारी पर इतनी मेहरबान क्यों रही ?

मुख़्तार अंसारी और कांग्रेस में क्या संबंध:-

बता दें कि, अब्बास अंसारी के पिता माफिया मुख़्तार अंसारी के कांग्रेस के साथ पुराने पारिवारिक संबंध रहे हैं, गैंगस्टर के दादा मुख़्तार अहमद अंसारी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। और 10 साल तक देश के उपराष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी, मुख़्तार के चाचा हैं। बता दें कि, हामिद अंसारी पर भी उपराष्ट्रपति रहते समय R&AW एजेंट्स की जान खतरे में डालने के आरोप लगे थे। कांग्रेस से इन्ही संबंधों का नतीजा था कि, पंजाब की कांग्रेस सरकार ने मुख़्तार को अपनी जेल में रोके रखने के लिए हर संभव कोशिश की थी। बाद में पता चला था कि, पंजाब सरकार मुख़्तार को जेल में VIP ट्रीटमेंट दे रही थी। पंजाब की AAP सरकार में मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने दावा किया था कि, पूर्व की कांग्रेस सरकार ने मुख़्तार को जेल में VIP ट्रीटमेंट दिया और 55 लाख रुपए सुख-सुविधाओं पर खर्च किए। बता दें कि, मुख्तार पंजाब की जेल में 2 साल 3 महीने तक बंद रहे। बाद में अदालत के आदेश पर मुख्तार को यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट किया गया। बता दें कि मुख़्तार अंसारी पर हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती के कई मामले दर्ज हैं, जिसमे से अकेले 302 यानी हत्या के ही 18 मामले हैं, ये तो वो मामले हैं, जो पुलिस थानों के रिकॉर्ड में हैं, इसके अलावा न जाने कितने और अपराध होंगे, जो राजनीति की सफ़ेद पोशाख में छुपे हुए होंगे और सियासी संरक्षण के चलते दबा दिए गए होंगे। 

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