सावन में बाल काटना क्यों है वर्जित?

सावन में बाल काटना क्यों है वर्जित?
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इस सावन का आरम्भ 22 जुलाई से होने जा रही है तथा समापन 19 अगस्त, सोमवार को रक्षाबंधन के दिन होगा. ऐसा कहा जाता है सावन में जो भी जातक व्रत रखता है, उसकी महादेव सभी इच्छाएं पूरी करते हैं. साथ ही महादेव की इसी विशेष कृपा के लिए सावन में कांवड़ यात्रा भी निकाली जाती है. इस बार सावन बहुत ही विशेष माना जा रहा है क्योंकि सावन में 72 वर्ष पश्चात् प्रीति योग, आयुष्‍मान योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. वहीं, गजकेसरी योग भी बनने जा रहा है. वही इस महीने में बालों को काटना भी वर्जित माना गया है. मगर क्या आप जानते हैं कि सावन में बाल काटना क्यों मना है. सावन में बाल न काटने की परंपरा प्राचीन मान्यताओं पर आधारित है. साथ ही वैज्ञानिक कारण भी हैं. 

सावन में बाल क्यों नहीं काटने चाहिए? 
सावन में बाल नहीं काटना एक धार्मिक मान्यता है, जिसका पालन सालों से किया जा रहा है. किसी भी मान्यता का आरम्भ काल, प्रसंग और स्थितियों को देखकर की जाती है. इस सिलसिले में भी कुछ ऐसा ही है जिसके मुताबिक, पहले के समय में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षित उपकरण और कौशल का अभाव था. जिससे बाल कटवाते वक़्त चोट लगने या घाव होने का खतरा रहता था. 

सावन के महीने में इस चोट या घाव में संक्रमण और मवाद हो सकता है. सावन बारिश का वक़्त होता है इस वक़्त किसी कट या घाव की वजह से त्वचा में संक्रमण हो सकता है. यही कारण है कि सावन में बाल काटने से मना किया जाता है.

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