नई दिल्ली: राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुनवाई की। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के समन के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसपर अदालत ने पूछा कि आखिर वह एजेंसी के सामने क्यों पेश नहीं हो रहे हैं? उन्होंने अदालत से गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन की मांग की थी लेकिन अदालत ने फिलाहाल राहत देने से मना कर दिया।
अरविंद केजरीवाल के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत के सामने स्पष्ट किया कि वह एजेंसी के सामने पेश नहीं हो रहे हैं एवं पेश होने में कोई परेशानी नहीं है, किन्तु उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। सिंघवी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल का पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि उन्हें (केजरीवाल) को 10 समन जारी किए गए। बकौल सिंघवी, केजरीवाल ने समन पर अपना जवाब भी दिया एवं पूछताछ के लिए वर्चुअली पेश होने को तैयार हैं। सिंघवी ने अदालत को यह भी बताया कि 'प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने में कोई परेशानी नहीं है, बस गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन चाहिए।' अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ED के सभी समन कानूनी प्रक्रिया और प्रावधानों के मुताबिक नहीं हैं।
वकील सिंघवी ने सबसे पहले केजरीवाल को गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन देने की गुहार लगाई। सिंघवी ने कहा कि सियासी दल को PMLA एक्ट मे परिभाषित ही नहीं किया गया है तथा ऐसे में समन किस आधार पर भेजा गया है? प्रवर्तन निदेशालय की ओर से ASG एसवी राजू ने केजरीवाल की याचिका पर सवाल उठाया एवं कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और वह इस मामले में अपना जवाब दाखिल करेंगे।
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