नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (24 अगस्त) को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण दिया। इस पर जेलेंस्की ने खुशी जताई और कहा कि वह इस "महान" देश की यात्रा करके प्रसन्न होंगे। पीएम मोदी ने हाल ही में कीव का दौरा किया, जो किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा तीन दशक बाद यूक्रेन की पहली यात्रा थी, जब से यूक्रेन ने स्वतंत्रता हासिल की थी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मीडिया को बताया कि पीएम मोदी ने जेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण दिया है। उन्होंने इस यात्रा को 1992 के बाद यूक्रेन के लिए भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा के रूप में महत्वपूर्ण बताया। जयशंकर ने कहा कि उम्मीद है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की अपनी सुविधा के अनुसार भारत आएंगे। जेलेंस्की ने भारत के निमंत्रण पर कहा कि उन्हें भारत आने में खुशी होगी, क्योंकि रणनीतिक साझेदारी और बातचीत में देर नहीं करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि भारत यूक्रेन के पक्ष में खड़ा हो, और उन्होंने भारत को एक "बड़े और महान" देश के रूप में वर्णित किया। उन्होंने संकेत दिया कि उनकी यात्रा यूक्रेन की स्थिति पर भी निर्भर करेगी।
इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत और रूस के बीच ऊर्जा व्यापार पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि ऊर्जा बाजार की मौजूदा स्थिति और प्रतिबंधों के कारण उत्पन्न चुनौतियों पर यूक्रेनी पक्ष को अवगत कराया गया। जयशंकर ने कहा कि तेल की कीमतों को स्थिर और उचित रखना न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। भारत को रूस से तेल आयात करने का लाभ मिला है, क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस ने तेल पर छूट देना शुरू किया, जिससे भारत को सस्ती दरों पर तेल प्राप्त हुआ। अब रूस भारत के लिए सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन चुका है। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने जुलाई में रूस से 2.8 बिलियन डॉलर का कच्चा तेल खरीदा, जो इसे चीन के बाद रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल आयातक बनाता है।
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