मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम न केवल अयोध्या, न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में पाए जाते हैं. राम जन-जन के हैं. राम कभी किसी विशेष संप्रदाय या धर्म के होकर नहीं रहे. भगवान राम पूरी भारतीयता के परिचायक है. भारत समेत पूरी दुनिया में राम जी के करोड़ों भक्त मौजूद है. राम के राज में प्रजा बहुत खुश हुआ करती थी. राम ने रावण जैसे कई असुरों का वध किया. माता-पिता के वचन को निभाते हुए 14 वर्षों तक वन में ही वास किया. यहीं वो समय था जहां से राम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम कहलाए.
विष्णु के अवतारी राम
भगवान राम को श्री विष्णु का 7वां अवतार कहा जाता है. श्री राम से पहले श्री विष्णु के 6 अवतार क्रमश: मत्स्य (मछली), कूर्म (कछुआ), वराह (सूअर), नृसिंह (मनुष्य एवं सिंह), वामन (बौना) और परशुराम जी के रूप में हुए. इसके बाद के अवतार क्रमश: कृष्ण और बुद्ध रूप में हुए थे. वहीं ऐसा माना जाता है कि श्री विष्णु का अब कल्कि अवतार होना शेष है, जो कि कलयुग की समाप्ति लेकर आएगा.
विष्णु जी का 394वां नाम राम
विष्णु जी के कई नाम है, इन्हीं में से उनका 394वां जो नाम है वो है राम. राम विष्णु सहस्त्रनाम पुस्तक में विष्णु जी के 1 हजार नामों की सूची है और इसमें 394वां नाम राम है. राम जी का नामकरण उनके कुलगुरु महर्षि वशिष्ठ जी ने किया था.
जानिए क्यों कहते हैं श्री राम को सूर्यवंशी ?
भगवान श्री राम को सूर्यवंशी कहा जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि श्री राम को सूर्यवंशी आख़िर क्यों कहा जाता है. श्री राम इक्ष्वाकु वंश में जन्मे थे और इस वंश की स्थापना सूर्यदेव के पुत्र ने की थी. इतना ही नहीं आगे चलकर श्री राम रामचंद्र जी भी कहलाए.
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