बर्फ पानी से बनती है यह तो हम सभी जानते है, और यह भी जानते है कि पानी का कोई रंग नहीं होता है। तो फिर बर्फ का रंग सफ़ेद क्यों होता है ? यह सवाल सबके मन में होता है। इसी सवाल का जवाब आज हम आपको बताने जा रहे है। की आखिर बर्फ का रंग सफ़ेद क्यों होता है, और बर्फ़बारी क्यों होती है ?
बर्फ़बारी क्यों होती है - दरअसल वाटर सायकल के दौरान सूरज की गर्मी के करण नदियों, समुद्रों, तालाबो, झीलों में मौजूद जल लगातार एवोपोरेट होता रहता है। यह पानी भाप में बदल जाता है। ये वाटर वेपर्स हवा से हल्का होने के कारण आकाश की और उड़ने लगती है, और ऊपर वायुमंडल में पहुंचकर वहां बादल का रूप ले लेती है। लेकिन कई बार ज्यादा ऊपर चले जाते है तो वहां का टेंपरेचर बहुत कम होता है मतलब वायुमंडल बहुत ठंडा होता है। बादल का टेंपरेचर फ्रीजिंग पॉइंट से निचे पहुचने पर बादलो में मौजूद वाटर वेपर्स छोटे छोटे स्नो फाल का रूप ले लेते है। हवा इन स्नो फाल्स का वजन नही सह पाती इसीलिए ये बर्फ के रूप में नीचे गिरने लगते है।
बर्फ का रंग सफेद क्यों - प्रकृति की बनाई किसी भी चीज़ में सोखने की शक्ति होती है, वो चाहे कोई पदार्थ हो या कोई धातु। उदाहरण के लिए अगर हमारे चेहरे पर सूरज की रोशनी पड़ती है तो यह लाल हो जाता है। हमारे कहने का मतलब यह है की किसी वास्तु पर जिस तरह की रोशनी पड़ती है वह हमे वैसी ही दिखाई देती है। दरअसल आसमान से गिरने वाली बर्फ रंगहीन होती है लेकिन जब इस पर सूर्य का रिफ्लेक्शन पड़ता है तो इसका रंग सफ़ेद हो जाता है।
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