आखिर क्यों दो हिस्सों में बटी हुई है सांपों की जीभ

आखिर क्यों दो हिस्सों में बटी हुई है सांपों की जीभ
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दुनिया में सैकड़ों प्रजातियों के सांप पाए जाते हैं। इनमें से कुछ सांप जहरीले होते हैं, जबकि कुछ गैर-विषैले होते हैं। कुछ सांपों के काटने से अगर सही इलाज न मिले, तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सांप की जीभ दो हिस्सों में क्यों होती है? आज हम आपको इसके पीछे की कहानी बताएंगे।

सांप की जीभ का रहस्य

सांप की जीभ दो हिस्सों में बंटी होती है, लेकिन इसके पीछे सिर्फ वैज्ञानिक कारण नहीं हैं, बल्कि धार्मिक मान्यता भी है। यह बात भारतीय महाकाव्य महाभारत में वर्णित है। इसके अनुसार, महर्षि कश्यप की तेरह पत्नियां थीं। इनमें से एक का नाम कद्रू और दूसरी का नाम विनिता था। मान्यता है कि कद्रू ने सभी सांपों को जन्म दिया था, और ये सभी कद्रू और महर्षि कश्यप के पुत्र-पुत्रियां थे। वहीं, विनिता को महर्षि कश्यप से गरुड़ पुत्र प्राप्त हुआ था।

घोड़े की पूंछ का विवाद

कहानी के अनुसार, एक बार जंगल में कद्रू और विनिता ने एक सफेद घोड़े को देखा। उस घोड़े ने दोनों का मन मोह लिया। इस पर दोनों के बीच बहस हो गई कि घोड़े की पूंछ का रंग क्या है - काला या सफेद। बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों ने एक-दूसरे से शर्त लगा ली कि जो सच होगा, वह जीतेगा और हारने वाला आजीवन दासी बनेगा। कद्रू ने कहा कि घोड़े की पूंछ काली है, जबकि विनिता ने कहा कि वह सफेद है।

कद्रू का आदेश

कद्रू ने अपने बच्चों को आदेश दिया कि वे अपना रूप छोटा करके घोड़े की पूंछ में लिपट जाएं, ताकि दूर से दिखे कि घोड़े की पूंछ सफेद नहीं, बल्कि काली है। लेकिन कद्रू के बच्चों ने इस काम से मना कर दिया। इसके बाद कद्रू अपने बच्चों को श्राप देने लगी। डर के मारे बच्चे घोड़े की पूंछ से लिपटने के लिए तैयार हो गए।

गरुड़ का प्रयास

कहानी के अनुसार, विनिता ने शर्त हारने के बाद दासी बनना स्वीकार कर लिया। जब विनिता के पुत्र गरुड़ को यह पता चला, तो वह अपने सर्प भाइयों के पास पहुंचा और अपनी मां को मुक्त करने की प्रार्थना की। सर्प भाइयों ने गरुड़ को यह शर्त रखी कि अगर वह स्वर्ग से अमृत का कलश लेकर आएगा, तो उसकी मां को मुक्त कर दिया जाएगा।

अमृत का प्रसंग

गरुड़ ने अमृत का कलश लाने के लिए यात्रा की और उसे पृथ्वी पर ले आया। लेकिन जब सर्प भाई अमृत का सेवन करने से पहले स्नान के लिए गए, तभी भगवान इंद्र अमृत का पीछा करते हुए पृथ्वी पर पहुंचे और कलश को वापस ले गए। जब सर्प भाई स्नान करके लौटे, तो उन्होंने देखा कि कलश वहां नहीं है। उन्होंने सोचा कि कुश पर अमृत की कुछ बूंदें जरूर गिरी होंगी, इसलिए उन्होंने कुश को चाटना शुरू कर दिया। इसी वजह से उनकी जीभ दो हिस्सों में कट गई।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिकों का भी मानना है कि सांप अपनी जीभ के एक हिस्से का इस्तेमाल गंध को समझने के लिए करते हैं, जबकि दूसरे हिस्से का उपयोग भोजन को नीचे ले जाने के लिए होता है। इस तरह, सांप की जीभ की बनावट उसे अन्य जीवों से अलग बनाती है।

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