भारत के लगभग हर घर में गैस सिलेंडर का इस्तेमाल होता है, खासकर शहरों और गांवों में। हालांकि, अब कई महानगरों में गैस पाइपलाइन की सुविधा उपलब्ध हो गई है, लेकिन ज्यादातर जगहों पर अब भी रसोई गैस सिलेंडर का ही इस्तेमाल होता है। आपने कभी सोचा है कि गैस सिलेंडर का आकार गोल क्यों होता है? साथ ही इसके नीचे छेद क्यों बनाए जाते हैं? आइए, हम आपको इसकी खास वजह बताते हैं।
पहले लकड़ी के चूल्हे, अब गैस सिलेंडर का जमाना: पहले के समय में घरों में खाना लकड़ी के चूल्हों पर बनाया जाता था। आज भी कई ग्रामीण इलाकों में लकड़ी के चूल्हों का इस्तेमाल होता है, लेकिन सरकारी योजनाओं की वजह से अब ज्यादातर घरों में गैस सिलेंडर पहुंच चुका है। इससे अब लोग गैस पर खाना बनाना ज्यादा पसंद करते हैं। लेकिन क्या आपने ध्यान दिया है कि हर गैस सिलेंडर का आकार गोल ही क्यों होता है?
गैस सिलेंडर का गोल आकार: इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण: गैस सिलेंडर को गोल आकार में बनाने का एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक कारण है। चाहे सिलिंडर छोटा हो या बड़ा, इसका आकार गोल ही रखा जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि सिलिंडर में अधिक दबाव झेला जा सके। जब सिलिंडर में गैस या लिक्विड भरी जाती है, तो उस पर एक दबाव डाला जाता है, जिसे गोल आकार वाले सिलिंडर में संभालना आसान होता है। गोल आकार के कारण दबाव को समान रूप से बांटने में मदद मिलती है, जिससे सिलिंडर सुरक्षित और मजबूत रहता है।
गोल आकार के अन्य फायदे: गोल आकार के सिलिंडर को उठाने और रखने में भी आसानी होती है। इसके अलावा, इसका ट्रांसपोर्टेशन यानी ढुलाई भी आसान हो जाती है। गोल आकार के कारण सिलिंडर को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है और यह टिकाऊ भी होता है। सिलिंडर के गोल आकार के कारण यह झटकों को आसानी से सहन कर लेता है, जिससे यह टूटने या खराब होने की संभावना कम हो जाती है।
सिलिंडर के नीचे छेद क्यों होते हैं?: अब बात आती है सिलिंडर के नीचे बने छेदों की। आपने देखा होगा कि गैस सिलेंडर के निचले हिस्से में छेद होते हैं। इन छेदों का मुख्य कारण हवा का सही सर्कुलेशन है। इन छेदों से हवा सिलिंडर के नीचे से गुजरती रहती है, जिससे सिलिंडर सूखा रहता है और उसमें नमी नहीं जमती। अगर सिलिंडर के नीचे हवा का सर्कुलेशन न हो तो वहां पानी या नमी इकट्ठी हो सकती है, जिससे सिलिंडर में जंग लगने की संभावना बढ़ जाती है। जंग लगने से सिलिंडर कमजोर हो सकता है और उसकी लाइफ भी कम हो सकती है। इसलिए सिलिंडर के नीचे छेद बनाए जाते हैं ताकि हवा आसानी से अंदर-बाहर होती रहे और सिलिंडर लंबे समय तक सुरक्षित रहे।
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