भगवान गणेश जी 13 सितंबर सभी के घरों में विराजने के लिए तैयार है. जी हाँ, 13 सितंबर को गणेश चतुर्थी का त्यौहार मनाया जाने वाला है और इस त्यौहार की तैयारी में सभी लगे हुए हैं. दुनिया में सभी को गणेश जी को अपने घर लाने का बेसब्री से इंतज़ार है. ऐसे में आप सभी इस बात से बखूबी वाकिफ होंगे कि गणेश चतुर्थी को गणेश जी को सबसे पहले मोदक का प्रसाद चढ़ाया जाता है कहते हैं कि उन्हें मोदक बहुत पसंद है और यही वजह है कि उन्हें मोदक का भोग लगाया जाता है. अब क्या आप यह जानते हैं कि आखिर मोदक ही क्यों..? बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ होंगे कि गणेश जी को मोदक ही क्यों पसंद हैं. अब आज हम इसी राज से पर्दा उठाने जा रहे हैं.
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दरअसल मोदक का अर्थ होता है आनंद देने वाला. मोड़ का असली अर्थ आनंद माना जाता है और मोदक को सात्विकता और शुद्धता का परिचय देने वाला भी कहा जाता है. शास्त्रों में मोदक को ज्ञान का प्रतीक भी बताया गया है और यही कारण है कि भगवान गणेश मोदक को सबसे ज्यादा पसंद करते हैं उन्हें मोदक में सबसे ज्यादा रूचि है.
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भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाने के लिए पीछे भक्तों का मकसद उन्हें खुश करना होता है. आपको बता दें कि मोदक बाहर से एकदम सख्त और अंदर से नरम होता है जैसे घर का मुखिया होता है इस वजह से भी मोदक सबसे उचित भोग माना जाता है. पद्मपुराण में भी मोदक का जिक्र है जिसे खाने के लिए गणेश आतुर रहते हैं.
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