मुंबई: शिवसेना ने आज यानी बुधवार को एक बड़ा सवाल किया है। उन्होंने अपने सवाल में कहा है कि, 'अनुच्छेद-370 के ज्यादातर प्रावधान निरस्त किए जाने के बावजूद श्रीनगर के लाल चौक पर कुछ युवकों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने से क्यों रोका गया?' जी दरअसल शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना ' में प्रकाशित संपादकीय में कई सवाल पूछे हैं। इसी लिस्ट में शामिल है 'अनुच्छेद-370 के ज्यादातर प्रावधान निष्प्रभावी करने के बाद जम्मू-कश्मीर में क्या बदलाव आया है?'
वहीं इस सवाल के साथ पार्टी ने कहा कि 'च्हिन्दुत्व का मतलब राष्ट्रवाद है।' वैसे आप सभी जानते ही होंगे कि खुद को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के भाजपा कार्यकर्ता बता रहे तीन युवकों ने बीते सोमवार को श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने की कोशिश की। इस दौरान उनके काम को गलत मानकर उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। इसी पर कई लोग अब भड़के हुए हैं। वहीं शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना ' में इसे लेकर बात की है। इस मुखपत्र में अभिनेत्री कंगना रनौत का नाम तो नहीं लिखा है लेकिन यह लिखा है कि, "नकली मर्दानी जिसने मुंबई को पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर कहा, उसको केंद्र सरकार द्वारा सुरक्षा मुहैया कराई गई जबकि जो युवक कश्मीर में तिरंगा फहरा रहे थे, उन्हें पुलिस अपने साथ ले गई।"
इसके आगे सामना ने लिखा, "देश जानना चाहता है कि युवा क्यों लाल चौक पर तिरंगा नहीं फहरा सकते हैं? इसका मतलब है कि कश्मीर में हालात नहीं सुधरे हैं। मुंबई में तिरंगा फहराया जाता है, इसका मतलब है कि यह 'पाकिस्तान' नहीं है। तिरंगे का अपमान वहां होता है जहां पर पाकिस्तानी हस्तक्षेप है।" इसी के साथ 'सामना' ने कंगना का नाम लिए बिना कहा है कि कश्मीर में तिरंगा नहीं फहराने देने पर अभिनेत्री को नाराज होना चाहिए।
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