वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में छोटे-छोटे बदलाव करके आप अद्भुत मानसिक शांति महसुस कर सकते है. घर में देवी-देवताओं की तस्वीर तो सभी लगाते है. देवताओं की सही दिशा में सही तस्वीर लगाकर कोई भी अपना जीवन सुख-समृद्धि से पूर्ण बना सकता हैं
हमारी धार्मिक मान्यताओं में एक यह भी है कि अपने शयनकक्ष यानी बेडरूम में भगवान की कोई प्रतिमा या तस्वीर नहीं लगाई जाती. केवल स्त्री के गर्भवती होने पर बालगोपाल की तस्वीर लगाने की छूट दी गई है. वास्तव में यह हमारी मानसिकता को प्रभावित कर सकता है. इस कारण भगवान की तस्वीरों को मंदिर में ही लगाने को कहा गया है, बेडरूम में नहीं. चूंकि बेडरूम हमारी नितांत निजी जिंदगी का हिस्सा है जहां हम हमारे जीवनसाथी के साथ वक्त बिताते हैं
बेडरूम हमारे निजी पलो का प्रतीक होता है. अगर यहां भगवान की तस्वीर लगाई जाए तो हमारे मनोभावों में परिवर्तन आने की आशंका रहती है. यह भी संभव है कि हमारे भीतर वैराग्य जैसे भाव जाग जाएं और हम हमारे दाम्पत्य से विमुख हो जाएं. इससे हमारे निजी जीवन प्रभावित हो सकता है. और गृहस्थी में अशांति उत्पन्न हो सकती है. इस कारण भगवान की तस्वीरों को मंदिर में ही रखने की सलाह दी जाती है.
बैडरूम में वास्तुदोष खड़ी कर सकता है है परेशानिया