दक्षिण भारत या यह कहा जा सकता है कि विशेषकर केरल का सबसे बड़ा त्यौहार ओणम होता है। केरल में ओणम बड़े ही हर्षोल्लास और धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। ओणम का त्यौहार केरल में दिवाली के स्तर का होता है।
क्यों मनाते हैं ओणम ?
ओणम का त्यौहार विशेष रूप से खेतों में फसल की बेहतर उपज के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। साथ ही एक मान्यता यह भी प्रचलित है कि केरल में एक महाबली नामक असुर राजा हुआ करता था और उसके स्वागत में यह त्यौहार मनाया जाता है। केरल में इस त्यौहार के समय घरों को लोग नई दुल्हन की तरह सजाते हैं। पूरे घर में साफ़-सफाई की जाती है और रंगोली आदि भी बनाई जाती है।
क्या करते है इस त्यौहार में ?
इस त्यौहार की एक विशेष बात यह भी है कि अन्य त्यौहारों की भांति इसकी पूजा मंदिरों में नहीं बल्कि घरों में होती है। लोग श्रावण देवता और पुष्पदेवी की आराधना करते हैं। फसल पकने की खुशी लोगों के चेहरे पर साफ़ दिखाई पड़ती है। वे अपनी खुशी को एक त्यौहार के जरिए जाहिर करते हैं। इस त्यौहार का संबंध प्रत्यक्ष रूप से कृषकों से होता है। ओणम के त्यौहार में लोग भोज का भी आयोजन करते हैं। इस त्यौहार में स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं। जिनमें पचड़ी काल्लम, घी, सांभर, केले और पापड़ के चिप्स,ओल्लम और दाव प्रमुख रूप से शामिल रहते हैं।
सरकार इस तरह मनाती है ओणम
केरल की सरकार इस त्यौहार को विशेष रूप से मनाती है। केरल की सरकार द्वारा इसे पर्यटक त्यौहार के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। इस दौरान नाव रेस, डांस और संगीत जैसे सांस्कृतिक आयोजनों के साथ ही महाभोज का भी आयोजन होता है।
सावन : मौत के मुंह से भी आपको बचा लेगा शिव जी का यह मंत्र, इस तरह करें जाप
हरियाली तीज : माता पार्वती को प्रसन्न करेंगे ये 5 उपाय
नाग पंचमी : पाताल के स्वामी हैं नागदेवता, भूलकर भी न करें यह काम