आखिर क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति?

आखिर क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति?
Share:

मकर संक्रांति का पर्व आने वाला है। यह पर्व इस साल 14 जनवरी को मनाया जाने वाला है। ऐसे में इस पर्व को क्यों मनाया जाता है यह आज हम आपको बताने जा रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार सूर्य जब दक्षिणायन में रहते हैं तो उस अवधि को देवताओं की रात्रि व उत्तरायण के छह माह को दिन कहा जाता है। कहा जाता है दक्षिणायन को नकारात्मकता और अंधकार का प्रतीक तथा उत्तरायण को सकारात्मकता एवं प्रकाश का प्रतीक माना गया है। ऐसे में यह मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन यज्ञ में दिए द्रव्य को ग्रहण करने के लिए देवता धरती पर अवतरित होते हैं एवं इसी मार्ग से पुण्यात्माएं शरीर छोड़कर स्वर्ग आदि लोकों में प्रवेश करती हैं।

वहीं सनातन मान्यताओं को देखा जाए तो मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उनके घर जाते हैं। चूंकि शनि देव मकर राशि के स्वामी हैं, उनके घर में सूर्य के प्रवेश मात्र से शनि का प्रभाव क्षीण हो जाता है। क्योंकि सूर्य के प्रकाश के सामने कोई नकारात्मकता नहीं टिक सकती है। ऐसे में यह मान्यता है कि मकर संक्रांति पर सूर्य की साधना और इनसे संबंधित दान करने से सारे शनि जनित दोष दूर हो जाते हैं।

इसी के साथ शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रान्ति के दिन ही भगवान विष्णु के अंगूठे से निकली देवी गंगाजी भागीरथ के पीछे।पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थीं और भगीरथ के पूर्वज महाराज सगर के पुत्रों को मुक्ति प्रदान हुआ था। इस वजह से इस दिन बंगाल के गंगासागर में कपिल मुनि के आश्रम पर एक विशाल मेला लगता है।

आखिर क्यों मकर संक्रांति पर खाते हैं खिचड़ी?, प्रचलित है ये कथा

मकर संक्रांति पर जरूर बनाए उड़द बाजरे की खिचड़ी

14 जनवरी मकर संक्रांति को बन रहा है खास संयोग, जरूर करें यह काम

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -