आज भी हमारा समाज न जाने किस मानसिकता के साथ जी रहा हैं. सालो से चली आ रही प्रथा जिसमे लड़कियों को बोझ समझा जाता रहा हैं. आज भी समाज में कुछ लोग हैं जो इस प्रथा को हवा दे रहे हैं. प्राप्त ताजा जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह किसी ने अपनी बेटी को जिसे पैदा हुए महज एक दिन ही हुआ था . उसे उसके जन्म देने वाले माता पिता ने ही इतनी कड़कड़ाती ठण्ड में रात के समय बंदरियाबाग रेल्वे ट्रैक पर फेक गए.
मगर वो कहते हैं न की 'जाको राखे साइयां मार सके न कोई' बच्ची ठण्ड में पड़े- पड़े लगातार रो रही थी. जिसकी आवाज स्थानीय निवासी दंपत्ति बच्चेलाल और उनकी पत्नी राधा ने सुनी और बच्ची को उठाकर तुरंत अस्पताल ले गए. बच्ची अभी झलकारीबाई अस्पताल के एनआईसीयू में है. बच्ची को अस्पताल तक पहुँचाने वाले बच्चेलाल ने बताया कि शुक्रवार की सुबह पांच बजे उन्हें किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी. बच्चे के लगातार रोने से बच्चेलाल और उनकी पत्नी उसी दिशा में चल दिए जिस दिशा से बच्चे के रोने कि आवाज आ रही थी.
वहा जाकर उन्होंने देखा कि एक बच्ची कम्बल के टुकड़े में लिपटी पड़ी थी. राधा ने बताया कि बच्ची की नाल भी नहीं हटी थी, उसे क्लिप किया गया था. और ठण्ड में पड़े रहने से बच्ची का शरीर पूरा ठंडा पड़ चुका था. पति-पत्नी तुरंत उसे अस्पताल लेकर गए. इस विषय में अस्पताल के डॉ. विभा यादव ने बताया की बच्ची का इलाज जारी हैं उसकी हालत में सुधार आने का इन्तजार किया जा रहा है. और चाइल्ड लाइन को 1098 पर सूचना दी गई हैं.