आपने भले ही यूरोप न घुमा हो, लेकिन टीवीयो में अक्सर देखा ही होगा की यूरोप कैसा है। वहां की कला से भी आप रूबरू जरूर होंगे। जब वहां की आर्ट गैलरी को देखते होंगे तो ऐसा लगता होगा की काश हम वहां घूमने जा सकते!! और वहां की इन चीज़ों को अपनी नज़रो से देख सकते तो कितना अच्छा होता। वहाँ पर बने स्टेच्यू चाहे वो देवता के हो या किसी राजा महाराजा के हो उसे देखकर हमे लगता है कि हम बरसो पुराने सालो में पहुँच गए है। लेकिन जो वहां घूमने आते है, उनको उन मूर्तियों को देखकर मन में कई तरह के सवाल उठते है। जो की कला को लेकर ही होते है। क्योंकि इन मूर्तियों में एक अलग ही पैटर्न नज़र आता है।
कुछ सेलानियो ने ट्विटर पर ट्वीट कर यह सवाल पूछा है - ( इन रोमन और ग्रीक के आर्ट स्टेच्यू के लिंग हमेशा छोटे ही क्यों बनाए जाते है ?) पहली नज़र में यह सवाल बहुत ही वाहियात और गन्दा लगता है। पर कला की दृष्टि से यह सवाल बहुत सटीक है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? इसके पीछे की कहानी आज की सुंदरता से बिल्कुल परे है। इस सवाल का जवाब दिया है एक आर्ट हिस्टोरियन "एलेन रेडस्सों" ने अपने ब्लॉग पर।
एलेन कहती है की उनके पास कला से सम्बंधित हर सवाल का जवाब होता है - वो बताती है की उनसे कई लोगो ने यह सवाल पूछा है, उसके पीछे की कहानी यह है कि - पुराने जमाने में रोम में छोटे लिंग को अधिक आकर्षित और खूबसूरत लगता था। वही बड़े लिंग को काफी भद्दा माना जाता था। बड़े लिंग का प्रयोग इमेज को भद्द्दा दिखाने के लिए किया जाता था। यही कारण है की मूर्तियों के लिंग छोटा रखा जाता है।