आखिर क्यों सोमवार को ही की जाती है महादेव की पूजा

आखिर क्यों सोमवार को ही की जाती है महादेव की पूजा
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हमेशा से ही शास्त्रों में सोमवार को शिव जी का वार कहा जाता है. ऐसा क्यों कहा जाता है इसके पीछे का सच क्या आप जानते है. क्या आपको पता है कि जिस "ॐ" वारं से धरती का सृजन हुआ है उसे सोमवार को जाप करने से ही अधिक फल क्यों प्राप्त होता है. आइये जानते है कि शास्त्रों में यह क्यों कहा गया है. यदि शास्त्र और धर्म की बात की जाएं तो ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सोम का एक अर्थ है- उमा के साथ शिव. ऐसी मान्यता है की शिव की उपासना बिना शक्ति यानि देवी के पूरी नहीं मानी जाती है.

सोमवार को भगवान शिव का दिन इसलिए कहा जाता है क्योंकि चंद्रमा का दूसरा नाम भी सोम है और चंद्रमा को शिव ने अपने मस्तक पर स्थान दिया है, इसलिए सोमवार को शिव का दिन माना जाता है. सोम का एक अर्थ है सोमरस भी होता है और सोमरस को देवता पिया करते थे. इस पेय को आरोग्य और आयुष्यवर्धक माना गया है. जैसे सोमरस इंसान के लिए अमृत होता है वैसे ही शिव हमारे लिए कल्याणकारी हों, इसलिए सोमवार को महादेव की उपासना की जाती है .

सोम का एक और अर्थ होता है सौम्य , चूँकि अपने सरल स्वभाव और सहजता के कारण शिव का चरित्र भी बेहद सौम्य हैं इसी कारण से उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है इसलिए भी सोमवार को शिव का दिन माना जाता है. जब सोम का उच्चारण किया जाता है तो ओउम भी उच्चारित होता है. सोम में ओउम भी समाया है और शिव ओंकार हैं. यह भी एक तथ्य है कीशिव की पूजा सोमवार को की जाती है.मन की चेतनता और चंचलता को पकड़कर, वश में कर, हम परमात्मा तक पहुंच सकें इसलिए महादेव की उपासना सोमवार को की जाती है .

 

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