कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से कोरोना महामारी से बचाव के लिए दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की दो खुराक के बीच अंतराल की वजह पूछी है। अदालत ने केंद्र से कोविशील्ड (COVISHIELD) की दो खुराक के बीच तय किए गए 84 दिन के अंतराल के पीछे का कारण पूछते हुए कहा है कि अगर यह प्रभाव को लेकर है तो इसका वैज्ञानिक डाटा मुहैया कराया जाए। अगली सुनवाई 26 अगस्त को की जाएगी।
उच्च न्यायालय ने सवाल किया कि वैक्सीन के डोज के बीच निर्धारित अंतराल को इसकी उपलब्धता के मुताबिक रखा गया है या फिर इसके असर के संदर्भ में। केंद्र से यह सवाल जज पीबी सुरेश कुमार ने किया है, जो काइटेक्स गार्मेंट्स लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। याचिका में कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए कोविशील्ड के दूसरे डोज की इजाजत मांगी है। जज ने भी कहा कि अगर दो डोज के बीच का अंतराल इसके प्रभावी होने को लेकर है तो वे चिंतित हैं, क्योंकि उन्होंने पहली खुराक के 4-6 सप्ताह के भीतर ही दूसरा खुराक ले ली थी।
अदालत ने कहा कि अगर वैक्सीन की उपलब्धता दोनों डोज के बीच अंतराल का कारण है, तो काइटेक्स की तरह अन्य लोग जो वैक्सीन के लिए भुगतान करने में सक्षम हैं उन्हें दूसरे खुराक के लिए इजाजत दे दी जानी चाहिए, ताकि उन्हें 84 दिनों तक दूसरे डोज के लिए प्रतीक्षा न करनी पड़े। अदालत ने आगे कहा कि अगर अंतराल का कारण वैक्सीन के प्रभावी होने को लेकर है तो इसके लिए वैज्ञानिक डाटा मुहैया कराना होगा। निर्देश के साथ मामला 26 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया है।
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