पटना: सर्वोच्च न्यायालय ने गोपालगंज के जिलाधिकारी (DM) जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दाखिल याचिका पर केंद्र सरकार, बिहार सरकार और आनंद मोहन को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है। दरअसल, दिवंगत DM की पत्नी उमा कृष्णैया ने आनंद मोहन की वक़्त से पहले रिहाई के नीतीश सरकार के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका के मद्देनज़र सरकार और संबंधित पक्षों से उनका जवाब देने के लिए कहा है।
बता दें कि, आनंद मोहन की रिहाई गत माह 27 अप्रैल को हुई थी। उन्हें तड़के सुबह साढ़े 4 बजे जेल से रिहा कर दिया गया था। आनंद मोहन की रिहाई के लिए नीतीश सरकार ने कारा नियमों में परिवर्तन किया था। आनंद मोहन के साथ अन्य 26 कैदियों को भी जेल से छोड़ दिया गया था, जो रेप-हत्या जैसे संगीन मामलों में सजा काट रहे थे। नीतीश सरकार के इस फैसले की विपक्ष ने काफी आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि आनंद मोहन की आड़ में जिन अन्य 26 कैदियों को छोड़ा गया है, वो सभी जंगलराज के पुरोधा हैं। जो आने वाले समय में बिहार को फिर जंगलराज में धकेल देंगे।
वहीं, DM जी कृष्णैया की पत्नी और बेटी ने भी नीतीश सरकार के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए पुर्नविचार करने की गुजारिश की थी और मामले को सर्वोच्च न्यायालय तक ले जाने की बात कही थी। जिसके बाद उन्होने आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की थी। जिस पर आज सुनवाई हुई।
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