पंजाबी जगत के मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या हो गई है और अब बताया जा रहा है उनकी हत्या के तार अकाली नेता विक्रमजीत सिंह विक्की मिड्डूखेड़ा हत्याकांड से जुड़े हैं। जी दरअसल कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नाई ग्रुप ने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर इसकी पुष्टि कर दी है। हालांकि विक्की की हत्या वाले दिन ही उन्होंने एलान किया था बदला भी उसी स्टाइल में लेंगे। आप सभी को बता दें कि विक्की के परिजनों ने इस मामले में पहले ही पुलिस को पत्र लिखकर कहा था कि 'दिल्ली पुलिस की पूछताछ में सिद्धू मूसेवाला के मैनेजर रहे शगुनप्रीत की भूमिका सामने आई है। वह तब से गायब चल रहा है। अंदेशा जताया जा रहा था कि वह विदेश भाग गया है।
अब सिद्धू मूसेवाला से पूछताछ की जानी चाहिए।' हालांकि पुलिस ने सिद्धू से पूछताछ तो नहीं की थी लेकिन मैनेजर रहे शगुनप्रीत को केस में नामजद कर लिया था। इसी के साथ ही उसका एलओसी (लुक आउट सुर्कलर) जारी कर दिया था। जी दरअसल बीते सात अगस्त 2021 को विक्रमजीत सिंह विक्की मिड्डूखेड़ा अपने प्रॉपर्टी डीलर दोस्त के पास मोहाली के सेक्टर-71 की बूथ मार्केट में गया था। यहाँ जब वह दुकान से बाहर निकल रहा था तभी आई-20 में आए युवकों ने उस पर फायरिंग शुरू कर दी थी। उसके बाद वह करीब आधा किलोमीटर तक जान बचाने के लिए भागा लेकिन जब तक उसकी मौत नहीं हुई तब तक आरोपी उस पर फायरिंग करते रहे।
उस दौरान उसके पास अपना लाइसेंसी हथियार था लेकिन उसे चलाने का मौका नहीं मिला और इसके बाद लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। इसी के साथ ही कहा था कि जिसने भी हमारे भाई की हत्या करवाई है, उसे बख्शा नहीं जाएगा। उसे भी इस स्टाइल में मौत के घाट उतारा जाएगा। आपको बता दें कि विक्की मिड्डूखेड़ा हत्याकांड के कुछ समय बाद दविंदर बंबीहा ग्रुप ने हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी। जी दरअसल उन्होंने आरोप लगाया था कि विक्की मिड्डूखेड़ा हमारे लोगों की जानकारी लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप को देता था और उसकी वजह से उनके कई साथियों की मौत हुई। जी दरअसल लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप ही पैसे वसूलने जैसी वारदातों को अंजाम देता था। वहीं बाद में उनके नाम से जोड़ दिया जाता था और कई लोगों को इसने मरवाया था। ऐसे में अब बदला ले लिया है। आर्मेनिया में बैठे गौरव पटियाल ने भी इसे समझाया था। आपको बता दें कि मोहाली में यूथ अकाली नेता विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की मिड्डूखेड़ा को पुलिस ने सितंबर 2021 में सुलझा लिया था। वहीं करीब 26 गैंगस्टरों से पूछताछ में सामने आया था कि करनाल जेल में बैठकर गैंगस्टर कौशल चौधरी ने ही अपने भगौड़े चल रहे साथियों से अंजाम दिलाया था। ऐसे में इस मामले में उसका साथी अमित डागर (हत्या के मामले में मनडोली जेल में बंद), सजन्न सिंह भोला जिला झज्जर हरियाणा व अनिल उर्फ लठ निवासी ककरोला द्वारका दिल्ली शामिल थे। वहीं, इन सबके पीछे आर्मेनिया में बैठा गौरव पटियाल था।
कैसे सामने आई सिद्धू मूसेवाल के मैनेजर की भूमिका- जी दरअसल अप्रैल के महीने में दिल्ली पुलिस ने आठ नामी गैंगस्टर पकड़े थे। इस दौरान विक्की हत्याकांड में शामिल तीन गैंगस्टर भी पकड़े गए और उन्होंने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया कि हत्याकांड को अंजाम देने से पहले उन्हें खरड़ की एक नामी सोसायटी में ठहराया गया था। यहाँ पर ठहराने की जिम्मेदारी और वहां से विक्की मिड्डूखेड़ा के घर तक पहुंचाने का काम सिद्धू मूसेवाला के मैनेजर रहे शगुनप्रीत ने किया था। वहीं जैसे ही यह बात सामने आई थी, उसके बाद से शगुनप्रीत अंडरग्राउंड हो गया था और दिल्ली पुलिस के हाथ नहीं लगा था। बाद में यह पता चला था कि वह सिद्धू मूसेवाला के साथ एक शो करने ऑस्ट्रेलिया भी गया था और इसके बाद विक्रम के परिजनों ने पुलिस को शिकायत देकर इस दिशा में कार्रवाई की मांग की थी। जी हाँ और उन्होंने सिद्धू से भी पूछताछ की गुहार लगाई थी।
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