पटना: बिहार के राजस्व विभाग में 479 अफसरों के तबादले रद्द होने पर सियासी पारा चरम पर है। सीएम नीतीश कुमार ने स्पष्ट करते हुए कहा कि स्थानंतरण में गड़बड़ी की खबर प्राप्त हुई थी, इसलिए उनपर फिलहाल रोक लगाई गई है। विभाग को एक महीने का वक़्त दिया गया है। नियमों के तहत फिर से तबादले किए जाएंगे। राजद कोटे से मंत्री आलोक मेहता का फैसला पलटने के सवाल पर नीतीश ने कहा कि महागठबंधन सरकार में कोई परेशानी नहीं है। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी नीतीश की राजद मंत्री से नाराजगी की बात को फालतू बताया।
पटना में सीएम नीतीश कुमार ने करगिल शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद बुधवार को मीडिया से चर्चा की। इसके चलते तेजस्वी यादव भी उनके साथ रहे। मुख्यमंत्री नीतीश से जब ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के बारे में सूचना आई थी कि बहुत लोगों का अनावश्यक तबादला किया गया है। तत्पश्चात, हमने अधिकार के तहत विभाग को आदेश दिया कि तबादलों पर अभी रोक लगा दी जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि 6 विभागों को नियमों के तहत ही तबादला करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि विभागों में तबादलों के नियम हैं। यदि कोई अफसर ठीक से काम नहीं कर रहा है या फिर एक जगह पर 3 वर्षों से अधिक वक़्त गुजार चुका है, तो उसका ट्रांसफर किया जा सकता है। लेकिन अभी जो ट्रांसफर हुए उनमें कई तरह से बातें आईं। इसलिए राजस्व विभाग के तबादलों पर रोक लगा दी गई। विभाग को इस बारे में समझना चाहिए। फिर से ठीक ढंग से तबादले किए जाएंगे। मीडिया ने मुख्यमंत्री नीतीश से सवाल पूछा कि राजद कोटे से मंत्री आलोक मेहता के विभाग में ही तबादलों पर क्यों रोक लगाई गई? तभी उनके बगल में खड़े उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बीच में बोले और तुरंत जवाब दिया कि ये सब फालतू बात है। फिर सीएम नीतीश ने कहा कि यह राजद, जदयू, कांग्रेस की बात नहीं है। किसी में कोई विवाद नहीं है। सब एकजुट हैं। किसी विभाग के बारे में कोई बात नहीं है।
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