इंसान के शरीर में सभी हिस्से जरूरी होते हैं, और अगर इनमे से एक भी खराब हो जाए तो आफत हो जाती है। वैसे शरीर का सबसे अहम हिस्सा दिमाग होता है क्योंकि इसके जरिए ही पूरा शरीर कमांड लेता है और कार्य करता है। वहीं दिमाग को स्वास्थ्य करना बेहद जरूरी है। आप सभी को बता दें कि दिमाग तमाम नसों से जुड़ा होता है और इसमें आने वाली थोड़ी सी भी गड़बड़ी पूरे शरीर के कामकाज को प्रभावित कर सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार शरीर के कुछ नसों में कमजोरी आ जाती है और ये परेशान करने लगती है।
आप सभी को बता दें कि नसों की कमजोरी के कई कारण होते हैं। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि दिमाग की नसों में कमजोरी क्यों आती है और इसको स्वास्थ्य रखने के लिए क्या करना चाहिए। जी दरअसल दिमाग में चोट लगने से, शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी से और नसों पर दबाव पड़ने से भी दिमाग में दर्द होता है। इसी के साथ ही कई बार इंफेक्शन के कारण और कुछ दवाइयां की वजह से भी दिमाग की नसों में कमजोरी आ जाती है। इसी के साथ कई बार अन्य कारणों से भी दिमाग की नसों में कमजोरी आती है। जी दरअसल, दिमाग में कमजोरी होने पर तमाम कोशिकाओं में ऑक्सीजन सही से नहीं पहुंच पाता है।
केवल यही नहीं बल्कि कई बार दिमाग के किसी खास हिस्से में जाने वाली नसों में खून जम जाने के कारण भी अचानक से तेज सिर दर्द हो सकता है। इसके अलावा अगर आपके शरीर में झुनझुनी होती है तो ये भी दिमागी नसों की कमजोरी के लक्षण हैं। जी दरअसल ऐसा माना जाता है कि आपके दिमाग की नसों में ब्लड सही से नहीं पहुंच पाता है, जिसके चलते शरीर के अलग-अलग अंगों में झुनझुनी होने लगती है। आप सभी को बता दें कि दिमाग नसों के कमजोर होने से आपकी मानसिक क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है।
इसका मतलब है कि ये आपकी सोचने की क्षमता को प्रभावित करती है और इसके चलते कई बार ये याददाश्त को भी प्रभावित करता है। ऐसा होने से व्यक्ति को चीजें याद कर बोलने में भी मुश्किल हो सकती है और इसके अलावा चीजों को बोलने में कंफ्यूजन हो जाना भी दिमाग के नसों की कमजोरी से जुड़ा होता है। अगर ऐसी स्थिति हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
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