इंदौर में पलायन को क्यों मजबूर हुए लोग ? घर छोड़कर जा चुके 25 परिवार, कइयों के घर पर लगा पोस्टर

इंदौर में पलायन को क्यों मजबूर हुए लोग ? घर छोड़कर जा चुके 25 परिवार, कइयों के घर पर लगा पोस्टर
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इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर से एक बेहद हैरान करने वाली घटना सामने आई है, दरअसल, यहां गुंडागर्दी और धमकियों से परेशान होकर हिन्दु समुदाय के लोग पलायन के लिए मजबूर हो गए हैं और उन्होंने अपने घरों के सामने 'यह मकान बिकाऊ है' के पोस्टर भी लगा लिए हैं. बता दें कि, इसी तरह के पोस्टर खरगोन दंगों के बाद भी हिंदू परिवार के घर के बाहर चस्पा मिले थे, क्योंकि वो लोग दंगे से परेशान हो चुके थे. 

अब इंदौर में नशाखोरी, गुंडागर्दी, अश्लील जैसी तमाम समस्याओं से तंग आकर मकान मालिकों ने अपने घर के बाहर लिख दिया हमारा घर बिकाऊ है. तक़रीबन 25 परिवारों के लोग अब पलायन करने के लिए विवश हो गए हैं. उनका कहना है हमें पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, इंदौर के राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र के ट्रेजर टाउन कॉलोनी के EWS टॉवर का है. इन पोस्टर्स पर लिखा हुआ है कि 'मेरा घर बिकाऊ है क्योंकि हमें पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है. खराब कानून व्यवस्था, लॉ एंड ऑर्डर, बिल्डर की उदासीनता और तानाशाही, मॉब लिंचिंग की धमकी देना कोई सुनवाई ना होना, पुलिस की पेट्रोलिंग शून्य होना, चारों तरफ गंदगी और क्राइम का होना, अवैध किरायेदारों का अराजकता फैलाना, नशाखोरी, आवारागर्दी, गाली गलौज, अश्लीलता चरम पर होना, मौलिक अधिकारों का रोज हनन होना, मारपीट खुलेआम गुंडागर्दी, धार्मिक उन्माद फैलाना, दंगे फसाद की बातें करना, कोई अच्छे काम ना होने देना, जिसके कारण पलायन करने के लिए हम मजबूर हैं.'

रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा ने जानकारी दी है घर से बाहर निकलने पर भय लगता है. स्कूल जाते वक़्त आवारा लड़के सीटी बजाते हैं, गाना गाते हैं, आते-जाते छींटाकशी करते हैं. अब तो स्कूल जाने में भी डर लगता है. डरी-घबराई महिलाओं ने सुनाई आपबीती बदमाश खुलेआम गांजा और चरस बेचते हैं. घर से बाहर निकलने में भी डर लगता है. ना हम सुरक्षित है, ना हमारी बच्चियां सुरक्षित है. हमारी इस पीड़ा को सुनने वाला कोई नहीं है. पुलिस यदि एक्शन लेती तो शायद ये स्थिति नहीं बनती.

महिलाएं बताती हैं कि रात को लाइट बंद कर देते हैं. CCTV कैमरे तोड़ डालते हैं और महिलाओं को देखकर अश्लील हरकतें करते हैं. पुलिस को कई दफा शिकायत की थी, मगर सुनवाई नहीं की गई. दहशत में रोज जीने से अच्छा है कि अपना मकान छोड़कर कहीं और जाकर किराए से ही रह लें, क्योंकि हमारी लड़कियां अब बड़ी हो रही है. हमें घर में अकेले रहने में खौफ लगता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि, ढाई साल में यहां से 25 परिवार घर छोड़कर जा चुके हैं.  मौजूदा समय में यहां मोहर सिंह, माखन पटेल ,फूलचंद, प्रंशात पांडे, संदीप नामदेव, वीरेन्द्र नामदेव, प्रकाश देपालपुर, देवेन्द्र और त्रिलोक सिंह पटेल ने अपने घरों के बाहर 'मकान बिकाऊ है' के पोस्टर लगाए हैं .

बता दें कि, इंदौर में पुलिस कमिश्नरी लागू है, इसके बावजूद यहां लोगों को दहशत में रहना पड़ रहा है. इस शहर में एक पुलिस कमिश्नर, दो एडिशनल पुलिस कमिश्नर, आधा दर्जन से ज्यादा DCP एक दर्जन से अधिक एडिशनल DCP, एक दर्जन से अधिक ACP, दो दर्जन से ज्यादा थाना प्रभारी के हाथों में कानून व्यवस्था बनाए रखने जिम्मेदारी हैं. वहीं, राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इंदौर मामले पर कहा है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले को संज्ञान लिया है. इंदौर में जो भी बदमाश लोगों में डर पैदा कर रहे हैं, वे संभल जाएं नहीं तो संभाल दिए जाएंगे.

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