कोच्ची: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों से कुछ महत्वपूर्ण अंश हटाने के राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के कदम की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि बोर्ड के इस कदम का उद्देश्य घृणा और शत्रुता से भरे समाज का निर्माण करना है। विजयन ने कक्षा 11 और 12 के छात्रों के लिए एनसीईआरटी द्वारा हटाए गए अंशों को फिर से शामिल करते हुए पूरक पाठ्यपुस्तकों को लॉन्च करते वक़्त यह बयान दिया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में, विजयन ने कहा कि केंद्र का प्रयास, छात्रों के सामाजिक और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को बदल देगा और समाज को खतरे में डाल देगा, जो धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे के आदर्शों पर दृढ़ है। उन्होंने कहा कि युक्तिकरण के नाम पर किए गए पाठ्यपुस्तक सुधारों पर अतिरिक्त ध्यान दिया जाना चाहिए। विजयन ने कहा, केंद्र पाठ्यपुस्तकों से मुगल साम्राज्य के हिस्सों को हटाकर, यह धारणा बनाने की कोशिश कर रहा है कि देश एक विशेष संप्रदाय का है। उन्होंने कहा, "उन्होंने यह भावना पैदा करने के लिए मुगल इतिहास को हटा दिया कि यह देश एक विशेष वर्ग का है और बच्चों के बीच यह भावना पैदा करने के लिए कि अन्य सभी वर्गों को इस देश से बाहर निकालने की जरूरत है।" सीएम ने इस बात पर प्रकाश डाला कि धार्मिक राज्य बनाने के लिए सामाजिक सच्चाइयों को नकारना आवश्यक है और यही प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद उन्होंने ऐसे कदमों के प्रति आगाह किया।
इसके अलावा, विजयन ने कहा कि पूरक पाठ्यपुस्तकों को जारी करने का उद्देश्य छात्रों को स्कूलों से वैज्ञानिक और तथ्यात्मक ज्ञान प्राप्त कराकर 'उत्कृष्ट' शिक्षा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र आदि विषयों में ऐसे अपरिहार्य तत्वों को शामिल करने के बाद पूरक पाठ्यपुस्तकें जारी की गईं। सीएम ने कहा कि केरल भी एनसीईआरटी द्वारा पाठ्यपुस्तकों में महत्वपूर्ण बदलाव किए जाने के घटनाक्रम को बेहद गंभीरता से देख रहा है।
चाँद के बाद अब सूरज ! ISRO ने कर दिया 'मिशन आदित्य' लॉन्च करने का ऐलान
सीएम बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा बोले- मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं, ED की छापेमारी काल्पनिक
TVS शोरूम में लगी भीषण आग, 500 गाड़ियां जलकर ख़ाक, Video