आज दुनियाभर में बहुत सी महिलाओं ने ऋषि पंचमी का व्रत रखा है. आपको बता दें कि यह व्रत हर साल भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को रखा जाता है. यह व्रत उन लड़कियों और महिलाओं के द्वारा रखा जाता है जो माहवारी से पीड़ित होती हैं. यह व्रत रखने का उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों से माहवारी के दौरान हुए अप्रत्यक्ष या अनजाने पाप कर्मों को नष्ट करने के लिए रखा जाता है. इस व्रत को लड़कियों और महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह उनके द्वारा माहवारी के दौरान किए गए पापों को नष्ट करने में सहायता करता है.
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इस व्रत में पूजा के दौरान विशेष रूप से सप्त ऋर्षियों की पूजा की जाती है और उसके बाद सच्चे मन से पूजा कर उपवास भी रखा जाता है जिससे की माहवारी में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं. इस दिन व्रत रखने से महिलाओं और लड़कियों को अच्छा फल मिलता है. इस दिन गंगा स्नान का भी बहुत महत्व होता है साथ ही बिना जोती हुई जमीन से उत्पन्न हुए फल या खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए. इस दिन को भाई पंचमी के नाम से भी पुकारा जाता है.
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कहते हैं इस दिन माहेश्वरी समाज में राखी कात्योहार मनाया जाता है और इस दिन महिलाएं सात ऋषियों से आशीर्वाद लेती हैं और अपने और अपने परिवार के लिए सुख शांति एवं समृद्धि की कामना करती हैं. यह व्रत सभी महिलाओं और लड़कियों के लिए बहुत ख़ास होता है और आज के दिन व्रत कर पूजा करने से माहवारी के दौरान किए गए पाप धूल जाते हैं.
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