भुवनेश्वर: ओडिशा उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार (21 दिसंबर 2023) को BJP सांसद अनुभव मोहंती के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उनका तलाक मंजूर कर लिया। अनुभव मोहंती के अधिवक्ता ललितेंदु मिश्रा ने फैसला सुनाए जाने के बाद बताया कि खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता अनुभव मोहंती के साथ उनकी पत्नी वर्षा प्रियदर्शनी ने क्रूरतापूर्ण बर्ताव किया तथा उन्हें शारीरिक संबंध बनाने की अनुमति नहीं दी।
उन्होंने बताया कि इसी आधार पर उच्च न्यायालय ने हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13 (1) (आईबी) के तहत तलाक के आदेश द्वारा विवाह को भंग करने का ऐलान किया। बता दें कि अनुभव मोहंती ओडिसी फिल्मों के मशहूर अभिनेता हैं। इसके अतिरिक्त राजनीति में आने के बाद वह BJD सांसद भी हैं। उन्होंने 2014 में एक्ट्रेस वर्षा प्रियदर्शनी से शादी की थी। हालाँकि कुछ वक़्त पश्चात् ही अनुभव और वर्षा के बीच अनबन की खबरें आने लगीं। शादी के 2 वर्ष पश्चात् अनुभव मोहंती ने अपनी पत्नी के खिलाफ केस कराया कि उनकी पत्नी उन्हें शारीरिक संबंध बनाने एवं स्वाभाविक दांपत्य जीवन की अनुमति नहीं देती है। उन्होंने कहा था कि शारीरिक संबंध स्थापित करने के गंभीर प्रयासों के पश्चात् हमेशा निराशा मिली।
वहीं वर्षा प्रियदर्शिनी ने अनुभव पर आरोप लगाया था कि अनुभव ने उनको माँ बनने के अधिकार से वंचित रखा। अपनी शिकायत में वर्षा ने अनुभव को शराबी बताया था तथा बोला था कि उनके कई अफेयर्स भी रह चुके हैं। बात बढ़ी तो अनुभव ने भी सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट की तथा कहा था- “हमारी शादी को 8 वर्ष हो गए हैं, मगर इतने वर्षों पश्चात् भी उनकी पत्नी ने उनके साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाए। वह जब भी उनके पास जाते वह इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा था कि वह मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। कोई कितने दिन और इंतजार करे? मैं अपनी पत्नी से तलाक चाहता हूँ, मगर अभी मामला अदालत में है। अनुभव ने एक फैमिली कोर्ट में तलाक की याचिका दी।”
वर्ष 2021 में खबर आई कि अनुभव ने तलाक की याचिका दिल्ली के अदालत में डाली है तथा उनकी पत्नी ने भी सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका डाली। बाद में ये दोनों केस कटक में ट्रांसफर हो गए। 22 सितंबर को इस मामले में कटक कोर्ट ने अनुभव के पक्ष में तलाक का फैसला देने से मना कर दिया क्योंकि वो अपने आरोप कथित तौर पर साबित नहीं कर पाए थे कि उनकी पत्नी उन्हें संबंध नहीं बनाने देतीं या फिर उन्हें मानसिक तौर पर प्रताड़ित करती हैं। कटक अदालत के इस फैसले को उन्होंने उच्च न्यायालय में चुनौती दी तथा सुनवाई के पश्चात् दो जजों की पीठ ने उनके पक्ष में फैसला दिया।
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