दुनिया के कई देशों में पॉप्युलर ऑनलाइन रिफ्रेंस वेबसाइट विकीपीडिया डाउन हो गई. बता दे कि कंपनी मैलिशस अटैक का टारगेट बनीं. विकीपीडिया के सर्वर विकीमीडिया फाउंडेशन पर डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (DDoS) अटैक हुआ. वेबसाइट के जर्मन अकाउंट ने ट्वीट करके इस बारे में जानकारी दी. विकीमीडिया फाउंडेशन ने ऑनलाइन एनसाइक्लोपीडिया विकीपीडिया पर अटैक के बाद टीम एक्सेस को रिस्टोर करने के काम में व्यस्त हो गई है.
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जॉम्बी कम्प्यूटर का उपयोग इस तरह के अटैक में अटैकर्स करते हैं. जॉम्बी कंप्यूटर वायरस से इंफेक्टेड कंप्यूटर्स होते हैं. इस तरह के कई कंप्यूटर्स को एक साथ टारगेट की जा रही वेबसाइट को विजिट करने के लिए कमांड किया जाता है. इसके बाद वेबसाइट की सर्विस स्लो हो जाती है या कई बार वेबसाइट ऑफलाइन हो जाती है. विकीमीडिया ने वेबसाइट पर इस साइबर अटैक की निंदा की और कहा कि इससे यूजर्स के मूल अधिकारों का हनन होता है. इंफॉर्मेशन का एक्सेस और शेयरिंग यूजर्स का अधिकार है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ऐसा पहली बार नहीं है जब कोई पॉप्युलर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इस तरह के अटैक का शिकार हुआ है. फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर जैसे पॉप्युलर ऐप्स भी इस तरह के अटैक का शिकार हो चुके हैं. प्ले स्टोर पर भी तमाम बार देखने को मिलता है कि कई ऐप मैलिशस अटैक के कार रिमूव किए जाते हैं. हाल ही में प्ले स्टोर से पॉप्युलर कैमस्कैनर ऐप हटाया गया था.गूगल अपने प्ले स्टोर पर ऐसे ऐप्स को स्कैन करने और उन्हें हटाने के लिए नया मकैनिज्म तैयार कर रहा है लेकिन ऐसे मैलवेयर से जुड़े ऐप्स डिजाइन करने वाले डिवेलपर्स कई कदम आगे दिख रहे हैं. गूगल की ओर से 2018 में 'गूगल प्ले प्रोटेक्ट' गार्ड डिजाइन किया गया है. प्ले स्टोर पर मौजूद यह गार्ड मैलिशस ऐप्स को तेजी से स्कैन करने और हटाने का दावा करता है. प्ले स्टोर पर नया ऐप पब्लिश करने से पहले भी गूगल उन्हें स्कैन कर रहा है. और इसके लिए कम से कम 3 दिन का समय रह गया है.
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