इंदौर: इन दिनों पेंगोलिन की तस्करी से जुड़े कई मामले सामने आ रहे हैं. जी दरअसल इंदौर के अलावा मध्य प्रदेश के जंगलों में पाए जाने वाले वन्यजीव पेंगोलिन की तस्करी दिन पर दिन हो रही है. वहीं इनकी तस्करी कर लोग करोड़ों कमा रहे हैं लेकिन अब इन तस्करों का बचना मुश्किल होने वाला है. जी दरअसल अब इन पर शिकंजा कसने वाला है। खबरों के मुताबिक इनकी संपत्ति की जांच में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) भी मदद करने की तैयारी में है।
बताया जा रहा है कि इसके लिए स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) ने पेंगोलिन और कछुए की तस्करी की जानकारी ईडी के अधिकारियों से साझा की है। जी दरअसल एसटीएसएफ ने बीते पांच साल में पेंगोलिन तस्करी के 14 प्रकरण दर्ज कर 160 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। केवल यही नहीं बल्कि पेंगोलिन की तस्करी में म्यांमार की एक महिला को भी पकड़ा जा चुका है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि पेंगोलिन की मांग चीन में सबसे ज्यादा है। अब तक इंदौर और धार के जंगलों में पेंगोलिन मिल चुका है। वहीं वन अफसरों का कहना है कि मध्य प्रदेश के बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल, सागर में ये पाए जाते हैं।
आपको हम यह भी बता दें कि चीन में पेंगोलिन के खून, हड्डियां, खाल सहित अन्य अंगों का इस्तेमाल कैंसर व नपुंसकता जैसी बीमारी की दवाइयों के लिए किया जाता है। बताया जा रहा है अंतरराष्ट्रीय गिरोह भी सक्रिय है, जो स्थानीय लोगों की मदद से पेंगोलिन को बार्डर पार भिजवाते हैं।ईडी ने 14 प्रकरणों में से पेंगोलिन के दो मामलों में जांच करने पर सहमति जताई है। खबरों के अनुसार पेंगोलिन को खरीदकर तस्कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में 60 से 70 लाख रुपये में बेचते हैं।
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