लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो और पूर्व सीएम मायावती ने सोमवार (10 अप्रैल) को एक प्रेस वार्ता में निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान का स्वागत करते हुए मांग की है कि ये चुनाव EVM की जगह बैलेट पेपर द्वारा कराए जाएं। इसके साथ ही मायावती ने प्रयागराज की मेयर सीट पर अशरफ अहमद की पत्नी को टिकट देने को लेकर बीते एक दिन से जारी अटकलों को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने ऐसी चर्चाओं को सिरे से ख़ारिज कर दिया।
मायावती ने स्पष्ट कहा कि उमेश पाल हत्याकांड में मीडिया में अब तक सामने आई बातों के आधार पर बसपा ने फैसला लिया है कि न तो अतीक की पत्नी शाइस्ता को टिकट दिया जाएगा और न ही अतीक के परिवार के किसी अन्य सदस्य को चुनाव लड़ाया जाएगा। बता दें कि पहले चर्चा थी कि हाल में ही बसपा में शामिल होने वाली अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन को मायावती प्रयागराज से मेयर चुनाव लड़वा सकती है, किन्तु उमेश पाल हत्याकांड में साजिशकर्ता के रूप में शाइस्ता का नाम आने के बाद बसपा की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया है कि शाइस्ता को टिकट नहीं दिया जाएगा। बता दें कि, उमेश पाल बसपा के ही विधायक राजू पाल हत्या मामले में मुख्य गवाह था। वो अतीक के खिलाफ गवाही देने वाला था, लेकिन उसकी हत्या कर दी गई। इससे पहले शाइस्ता ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया था।
वहीं, बीते एक दिन से अटकलें लग रही थीं कि बसपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ की पत्नी को चुनाव लड़ने की पेशकश की है। सोमवार को मायावती ने इस पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि बसपा न तो शाइस्ता परवीन को टिकट देगी और न ही अतीक परिवार के किसी अन्य सदस्य को चुनाव में उतारेगी। शाइस्ता को बसपा से निष्कासित किए जाने के सवाल पर पार्टी प्रमुख मायावती ने कहा कि उनके (शाइस्ता के) गिरफ्तार होने के बाद इस मामले में जो भी सच सामने आएगा, उसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। मायावती ने कहा कि बसपा कानून से ऊपर नहीं है और कानून का पूरा सम्मान करती है। उन्होंने कहा कि उमेश पाल मर्डर केस में शाइस्ता परवीन का नाम आने और उसके फरार होते ही स्थिति बदल गई और बसपा ने अतीक के परिवार के किसी भी सदस्य को टिकट न देने का निर्णय ले लिया।
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