महामारी कोविड-19 ने संपूर्ण विश्व में कोहराम मचाने के पश्चात अब भारत को बुरी तरह चपेट में ले लिया है. महामारी के बार-बार रूप परिवर्तित कर रही है. जिस वजह से वायरस का स्थाई उपचार खोजने में तकलीफ हो रही है. वायरस की वैक्सीन को ही एकमात्र मजबूत विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. दवा से वायरस पर काबू करने की आशा की जा रही है. संपूर्ण विश्व में वैक्सीन बनाने को लेकर रिसर्च और परीक्षण चल रहे हैं. हालांकि प्रभावी दवा कब तक आएगी इस पर विश्व के जानकार तय वक्त नहीं बता पा रहे हैं.
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बता दे कि बावजूद इसके कुछ बड़े प्रश्न और भी हैं कि क्या दवा आने से वायरस भाग जाएगा. क्या दवा से कोरोना काबू होने के साथ ही लोग दोबारा इस रोग की चपेट में आने से बच जाएंगे. भारत में आज भी कई बीमारियों के टीके लगाए जाते हैं तो क्या दवा से ये बीमारियां काबू हो गई हैं. अन्य रोगों में दवा कितनी सफल या असफल रही है ?
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इसके अलावा ऐसे में अन्य रोगियों पर दवा का रिजल्ट और आधार कैसा रह सकता है, ये दवा वैक्सीन के परीक्षण के बाद पता चल पाएगा. वही, वैक्सीन का असर पर ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्र ने मीडिया में बड़ा बयान दिया है. डॉ. एमसी मिश्र और डॉ. नरेंद्र सैनी कहते हैं कि कोरोना की वैक्सीन बनना कोई आसान प्रक्रिया नहीं है. इसमें कई वर्ष तक लग जाते हैं. किन्तु अगर वैक्सीन समय से आ जाती है और प्रभावी रहती है तो यह कोरोना की कमर तोड़ने में सफल होगी. वे कहते हैं कि अन्य बीमारियों के लिए भी भारत में वैक्सीन लगाई जाती है, जिनके रिजल्ट बहुत अच्छे भी रहे हैं. वहीं कुछ रोगों की दवा असफल भी रही हैं. ऐसे में इन मौजूदा वैक्सीनं के प्रभावों से महामारी को लेकर एक अनुमान लगाया जा सकता है.
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