हैदराबाद: आज शनिवार (27 अप्रैल) को, तेलंगाना कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल ने एक एडिटेड वीडियो साझा किया और झूठा दावा किया कि भाजपा नेता अमित शाह ने एससी, एसटी और OBC के लिए आरक्षण समाप्त करने का वादा किया है। एक ट्वीट में कहा गया, ''जो भाई-बहन भाजपा में हैं, एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक समुदाय से हैं और धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं, कृपया इस वीडियो को देखें और निर्णय लें कि भाजपा को वोट देना है या नहीं।''
మతం పేరిట రాజకీయం చేస్తున్న బిజెపిలో ఉన్న SC,ST,OBC మైనారిటీ సోదర సోదరీమణులారా.. బిజెపికి ఓటు వేయాలా వద్దా అనేది ఈ వీడియో చూశాక నిర్ణయం తీసుకోండి.
— Telangana Congress (@INCTelangana) April 27, 2024
భారత రాజ్యాంగం ఇచ్చిన రిజర్వేషన్ ఫలాలు అనుభవిస్తూ పొగరు, అహంకారంతో మళ్ళీ అధికారంలోకి వస్తే SC, ST, OBC, మైనారిటీల రిజర్వేషన్లు… pic.twitter.com/45VRpXsgJq
ट्वीट में आगे लिखा गया है कि, “आइए अमित शाह, नरेंद्र मोदी की भाजपा पार्टी को यह कहने के लिए उचित सबक सिखाएं कि अगर वे संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण के फल का आनंद लेते हुए गर्व और अहंकार के साथ सत्ता में वापस आते हैं तो वे एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के आरक्षण को हटा देंगे। भाजपा को सत्ता से हटाओ…देश बचाओ। आइए हम संविधान द्वारा हमें दिए गए अधिकारों की रक्षा करें। भारत का संविधान फलना-फूलना चाहिए।''
तेलंगाना कांग्रेस के ट्वीट के साथ अमित शाह का एक वीडियो भी था, जिसे दुर्भावनापूर्ण रूप से एडिट करके यह बताने की कोशिश की गई कि केंद्रीय गृह मंत्री जाति-आधारित आरक्षण समाप्त करना चाहते हैं। दरअसल, हाल ही के चुनावी रैलियों में कई बार केंद्रीय गृह मंत्री ने मुस्लिम समुदाय के लिए असंवैधानिक आरक्षण को खत्म कर एससी, एसटी और ओबीसी को देने की बात कही थी, इसी तरह के किसी वीडियो को एडिट करके कांग्रेस ने ये बात फैलाने की कोशिश की है कि, अमित शाह ने एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को ख़त्म करने का वादा किया है।
गुरुवार (25 अप्रैल) को तेलंगाना में एक चुनावी रैली के दौरान अमित शाह ने कहा था कि, ''कांग्रेस और TRS कभी भी तेलंगाना मुक्ति दिवस नहीं मनाते, क्योंकि वे मजलिस से डरते हैं। भाजपा ने फैसला किया है कि हम तेलंगाना मुक्ति दिवस मनाएंगे क्योंकि हम मजलिस से नहीं डरते हैं।' उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि, "भाजपा ने कांग्रेस और TRS द्वारा दिए गए मुस्लिम आरक्षण को खत्म करने और इसे एससी, एसटी और ओबीसी को देने का फैसला किया है।" इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि भाजपा नेता ने एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण खत्म करने की बात नहीं की। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण से पहले, कांग्रेस पार्टी ने वोट हासिल करने के लिए फर्जी खबरें फैलाने और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के बीच बड़े पैमाने पर उन्माद पैदा करने का सहारा लिया है।
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