भोपाल/ब्यूरो। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आने वाले वर्ष में बड़ी संख्या में नौकरी और स्व-रोजगार के अवसर युवाओं को मिलेंगे। प्रदेश में 32 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य है। युवाओं को आगामी एक वर्ष में एक लाख सरकारी नौकरियों में स्थान मिलेगा। इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से प्रयास प्रारंभ किए गए हैं। स्व-सहायता समूह से लगभग 43 लाख परिवार की महिलाएँ जुड़ी हैं। इन्होंने अर्थ-व्यवस्था को नई ताकत दी है। समूह की बहनों को 3 हजार करोड़ रूपए का ऋण दिलवाया जा रहा है। विभिन्न योजनाओं से गत सात माह में लगभग 22 लाख से अधिक स्व-रोजगार के नए अवसर सृजित किए गए हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन और अन्य योजनाओं से प्रतिवर्ष करीब 2 लाख लोगों को स्व-रोजगार के लिए मदद दी जा रही है।
कृषि क्षेत्र में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कृषि क्षेत्र में मध्यप्रदेश महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। जहाँ गेहूँ उत्पादन में हम सबसे आगे हैं, वहीं फसलों के विविधीकरण और प्राकृतिक कृषि की तरफ भी ध्यान दिया जा रहा है। राजधानी के नजदीक सीहोर जिले में तुलसी और अश्वगंधा की पैदावार हो रही है। किसानों को कृषि उत्पादन का उचित मूल्य दिलवाने के साथ उन्हें नई कृषि तकनीक से परिचित करवाने का कार्य हो रहा है। किसानों को उत्पादन के विक्रय के लिए मंडी के साथ अन्य विकल्प उपलब्ध करवाए गए हैं। करीब 80 प्रतिशत किसान छोटे किसान हैं।
इन्हें किसान सम्मान निधि का लाभ दिया जा रहा है। किसानों के खातों में 7816 करोड़ रूपए की राशि जमा करवाई गई है। किसानों को राहत देने के लिए 13 प्रमुख कम्पनियों से चर्चा की गई है, जिसमें एम.एस.एम.ई. सेक्टर की तरह किसान लाभान्वित होंगे। सरकार, किसान और निजी क्षेत्र संयुक्त रूप से प्रयास कर रहे हैं, जिसमें प्राकृतिक कृषि के लिए किसान प्रेरित हो रहे हैं। अनुबंध के अनुसार पैदावार को खरीदने के लिए मूल्य निर्धारित किया जाएगा। किसान का फायदा हो, इस दृष्टि से कम्पनी अथवा व्यापारी द्वारा सहयोग दिया जाएगा।