कोरोना वायरस ने इस वक्त पूरी संसार में कहर मचाया हुआ है. स्कूल-कॉलेज, दफ्तर, खेल सबकुछ ठप है. इस महामारी ने 1 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली है, वहीं 17 लाख से ज्यादा लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कैप्टन इयान चैपल (Ian Chappell) ने इस बीमारी से निपटने के लिए संयम को बहुत महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कोरोना वायरस की तुलना टेस्ट मैच से की व बोला कि इससे निपटने के लिए हमें सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) व इयान रेडपाथ जैसा संयम व दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होगी.
सचिन से लेनी होगी सीख: चैपल ने ESPN Cricinfo में अपने कॉलम में लिखा, 'वर्तमान का चुनौतीपूर्ण समय संसार भर के कई नागरिकों के लिये इम्तिहान की घड़ी है. मैंने सीखा है कि खेलों में अमिट छाप छोड़ने वाले खिलाड़ियों पर लागू होने वाले नियम ज़िंदगी में मददगार होते हैं. ' उन्होंने कहा, ' जब कोविड-19 महामारी कहर बरपा रही है तब सभी राष्ट्रों के नागरिकों को धैर्य, दृढ संकल्प बनाये रखना व थोड़ा पहल करने की आवश्यकता है. उच्च स्तर पर टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिये यह महत्वपूर्ण विशेषताएं होती हैं. ' चैपल ने तेंदुलकर की 1998 में ऑस्ट्रेलिया के विरूद्ध चेन्नई टेस्ट में खेली गयी पारी का उदाहरण दिया जहां उन्होंने अपने आक्रामक रवैये से शेन वार्न पर दबदबा बनाया था|
चेन्नई टेस्ट में सचिन की पारी यादगार: चैपल (Ian Chappell) ने आगे लिखा, 'अपनी बात के समर्थन में मैंने दो प्रभावशाली पारियां चुनी है. इनमें पहली पारी सचिन तेंदुलकर की 1998 में चेन्नई में खेली गयी पारी है. उनकी दूसरी पारी के बेहतरीन 155 रन के दम पर हिंदुस्तान ने टेस्ट मैच जीता था लेकिन तेंदुलकर ने श्रृंखला से पहले जो तैयारियां की थी यह उनके बिना संभव नहीं हो पाता. ' चैपल ने कहा, 'तेंदुलकर ने तब पूर्व भारतीय ऑलराउंडर रवि शास्त्री से पूछा था कि अगर शेन वॉर्न राउंड द विकेट गेंदबाजी करके खुरदुरे क्षेत्र में गेंद करे तो वह ऑस्ट्रेलिया के स्टार लेग स्पिनर पर कैसे दबदबा बना सकते हैं. '
इस महान आस्ट्रेलियाई ने कहा, 'शास्त्री का जवाब उनकी सामान्य समझ के अनुरूप था. उन्होंने बोला कि, अपने कद के कारण आगे तक पहुंच पाने से मैं वार्न की खुरदुरी स्थान पर पिच करायी गेंद को रक्षात्मक होकर खेलता था लेकिन आप ऐसा नहीं करना. आपको जूतों से बने निशान पर की गयी वार्न की गेंदों को खेलने के लिये आक्रामक रवैया अपनाना चाहिए. ' उन्होंने कहा, 'इस सलाह के बाद तेंदुलकर ने एमआरएफ नेट्स पर पूर्व भारतीय लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवरामाकृष्णन की इस तरह की गेंदों के सामने एक्सरसाइज किया. ' चैपल ने इसे तेंदुलकर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में एक करार दिया जिसमें इस स्टार बल्लेबाज की पहल व प्रतिबद्धता दिखी. चैपल (Ian Chappell) ने इसके साथ ही रेडपाथ की 1976 में मेलबर्न में वेस्टइंडीज के विरूद्ध खेली गयी पारी का जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'तेंदुलकर की पहल व दृढ़ संकल्प के साथ रेडपाथ के संयम को मिला दो. फिर आपके पास इस खतरनाक महामारी से बचने के लिये महत्वपूर्ण गुण होंगे. '
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