नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कथित शराब घोटाले के संबंध में ED और CBI की तरफ से दर्ज मामलों में राहत के लिए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है। मनीष सिसोदिया ने अपनी जमानत याचिकाओं को ठुकराए जाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई वाद सूची के मुताबिक, जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस संदीप मेहता की अवकाश पीठ मंगलवार को मनीष सिसोदिया की याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 21 मई को शराब घोटाले के संबंध में ED और CBI की तरफ से दर्ज मामलों में AAP नेता मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका देते हुए उनकी जमानत याचिकाओं को ठुकरा दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यह मामला मनीष सिसोदिया द्वारा सत्ता के गलत इस्तेमाल और जनता का विश्वास तोड़ने से जुड़ा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि सिसोदिया का आचरण लोकतांत्रिक सिद्धांतों के साथ बड़ा धोखा है। सिसोदिया पर इलेक्ट्रॉनिक सबूतों समेत अहम सबूतों को नष्ट करने में शामिल थे। चूंकि सिसोदिया दिल्ली सरकार में एक बहुत ताकतवर और प्रभावशाली व्यक्ति हैं।
सिसोदिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय में ट्रायल कोर्ट के 30 अप्रैल के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें CBI और ED की तरफ से दर्ज किए गए भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में उनकी जमानत याचिका ठुकरा दी गई थी। बता दें कि ED और CBI दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियों ने उच्च न्यायालय में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं का इस आधार पर विरोध किया था कि आरोपियों की ओर से आरोप निर्धारित करने की प्रक्रिया में देरी करने के लिए कोशिशें की जा रही हैं। जांच एजेंसियों के मुताबिक, आबकारी नीति में संशोधन करते वक़्त लाइसेंस धारकों को अनुचित फायदा पहुंचाया गया। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को इस नीति को लागू किया था, मगर भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया गया।
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