नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। तत्पश्चात, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि दोनों देश 2020 की पेट्रोलिंग स्थिति पर लौटेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत एवं चीन के बीच LAC पर फिर से पेट्रोलिंग कैसे बहाल होगी। विदेश मंत्री ने बताया कि भारतीय एवं चीनी सैनिक उसी प्रकार से फिर से गश्त आरम्भ करेंगे, जैसे वे मई 2020 में सीमा पर तनाव से पहले करते थे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पहले ही घोषणा की थी कि भारत एवं चीन हिमालय में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग फिर से शुरू करेंगे। यह समझौता मुख्य रूप से देपसांग एवं डेमचोक क्षेत्रों में पेट्रोलिंग से संबंधित है, जहां दोनों देशों के सैनिकों ने गश्त आरम्भ कर दी है तथा जल्द ही उन्हें पीछे हटाना भी आरम्भ कर दिया जाएगा।
2020 की स्थिति में वापसी
पीएम नरेंद्र मोदी तथा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच BRICS समिट के चलते द्विपक्षीय बातचीत हो सकती है तथा इसी बीच यह समझौता हुआ है। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि पेट्रोलिंग पर सहमति हो गई है तथा हम 2020 की स्थिति पर लौटेंगे। उन्होंने कहा कि 2020 के पश्चात् दोनों देशों के बीच तनाव के कारण सीमाओं पर अवरोध उत्पन्न हुए थे, मगर अब हम समझौते पर पहुंच गए हैं।
सहमति कैसे बनी?
विदेश मंत्री ने बताया कि यह सहमति धैर्य तथा कूटनीतिक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि कई बार बातचीत मुश्किल लगने लगी, किन्तु सितंबर 2020 से चीन के साथ लगातार संवाद जारी रखा गया। इस पूरी प्रक्रिया में हमने बहुत धीरज दिखाया। समझौते की अहमियत एस. जयशंकर ने इस समझौते को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह न केवल सीमा पर शांति के लिए बल्कि भविष्य में अन्य समझौतों के लिए भी आधार प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सीमा पर शांति नहीं होती, तो द्विपक्षीय संबंधों में सुधार संभव नहीं है। व्यापार को लेकर उन्होंने कहा कि एलएसी पर यह समझौता हुआ है, किन्तु इसका व्यापार पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह कहना जल्दबाजी होगी।
विवाद की पृष्ठभूमि
भारत एवं चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए 29 अगस्त को बीजिंग में एक बैठक हुई थी। इस बैठक में एलएसी से जुड़े मतभेदों को हल करने पर चर्चा हुई। इससे पहले 12 सितंबर को विदेश मंत्री ने जिनेवा में कहा था कि भारत एवं चीन के बीच सीमा विवाद का 75 प्रतिशत समाधान हो चुका है। 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे, जबकि चीन के 40 सैनिक मारे गए या घायल हुए थे। इस घटना के पश्चात् दोनों देशों के रिश्ते बुरी तरह प्रभावित हुए थे।
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