यूं तो शिक्षा संबंधी हालात पूरे देश में समरूप हैं, लेकिन बिहार और झारखण्ड में हालात बद से भी बदतर हैं. यहां शिक्षा का स्तर काफी गिरा हुआ हैं. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा गरीबो तक पहुँच ही नहीं पाती हैं, वह केवल अमीरों के लिए ही हैं. अमीरों के बच्चे पैसे के दम पर अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, और नौकरी भी उन्हें अच्छी मिल रही हैं. वही दूसरी और गरीब, लेकिन काबिल बच्चे शिक्षा से अछूते हैं. उक्त बात बिहार के पूर्व सीएम और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने शनिवार को धनबाद में कहीं.
वे एलसी रोड स्थित विवाह मंडप में हम के युवा कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने आये थे, तब उन्होंने यह बातें कही. उन्होंने आगे बताया कि गरीब काबिल बच्चे भी आगे बढ़ें, इसके लिए समान शिक्षा के अधिकार को लागू करना होगा. इसके लिए हमें शिक्षा प्रणाली के खिलाफ जाते हुए जंग का आगाज करना होगा. और अगर हमें इसके लिए बलिदान भी देना पड़े तो हम तैयार हैं.
जीतन राम मांझी ने सम्मेलन में बताया कि उन्होंने बिहार के अपने 9 महीने के कार्यकाल में गरीबों के हित के लिए 42 अहम घोषणाएं कीं. ये योजनाएं अपने पैर पसारती इससे पहले, ही उन्हें बिहार के मुखिया का पद छोड़ना पड़ा. इस सम्मलेन में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव और जीतन राम मांझी के बेटे डॉ संतोष कुमार मांझी, युवा प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र भुईंया, नंदलाल मांझी, शंकर मांझी, भोला मांझी, आतिश मांझी, रोहित दास, सीताराम भुईंया आदि भी उपस्थित थे.
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