असम को भारत से काटने की साजिश करने वाले शरजील इमाम को मिलेगी जमानत ? राजद्रोह पर SC ने लगा दी है रोक

असम को भारत से काटने की साजिश करने वाले शरजील इमाम को मिलेगी जमानत ? राजद्रोह पर SC ने लगा दी है रोक
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नई दिल्ली: राजद्रोह कानून पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद अब राजद्रोह के आरोप में जेलों में कैद आरोपियों का क्या होगा? इसे लेकर बहस जारी है। वहीं, अब आरोपी इस फैसले को आधार बनाकर जमानत के लिए याचिका भी दाखिल करने लगे हैं। राजद्रोह के आरोप में कैद जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने दिल्ली उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की है।

शरजील इमाम की तरफ से दाखिल की गई जमानत याचिका में दावा किया गया है कि उनको राजद्रोह के आरोप में ही बंद किया गया है और राजद्रोह कानून पर शीर्ष अदालत ने रोक लगा दी है। शरजील इमाम द्वारा ये भी दावा किया गया है कि सत्र अदालत ने राजद्रोह के गंभीर आरोप के कारण ही जमानत देने से इनकार कर दिया था। शरजील इमाम की इस याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय में सोमवार यानी 16 मई को सुनवाई हो सकती है। याचिका में ये भी कहा गया है कि IPC की धारा 124-ए और 153 ए को छोड़कर अभियोजन की तरफ से कोई और केस दर्ज नहीं है। शरजील की जमानत याचिका में ये भी कहा गया है कि याचिकाकर्ता लगभग 27 महीने से जेल में कैद है। राजद्रोह को हटा दें, तो IPC की धारा 153 ए के तहत अधिकतम तीन वर्ष कैद की सजा का ही प्रावधान है।

शरजील इमाम की तरफ से दाखिल जमानत याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय में 16 मई को सुनवाई हो सकती है। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान दिसंबर 2019 और जनवरी-फरवरी 2020 में शरजील इमाम ने भड़काऊ भाषण दिया था। इन्हीं भाषणों को लेकर शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह की धारा 124 ए और 153 ए के तहत केस दर्ज किए गए थे। 

क्या था शरजील इमाम का बयान:-

वैसे तो शरजील इमाम का भाषण काफी लंबा है, लेकिन हम यहाँ उस हिस्से को पाठकों के समक्ष रख रहे हैं, जिसमे भड़काऊ और देश की अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली बातें कही गई हैं। CAA विरोधी कार्यक्रम में शरजील ने कहा था कि 'अब समय आ गया है कि हम गैर-मुस्लिमों से बोलें कि यदि वो हमारे हमदर्द हैं, तो हमारी शर्तों पर आकर खड़े हों। अगर वो हमारी शर्तों पर खड़े नहीं होते तो वो हमारे हमदर्द नहीं हैं। अगर 5 लाख लोग हमारे पास ऑर्गेनाइज्ड हों तो हम नॉर्थ-ईस्ट को हिंदुस्तान से परमानेंटली काट कर अलग कर सकते हैं। परमानेंटली नहीं तो कम से कम एक-आध महीने के लिए असम को हिंदुस्तान से काट ही सकते हैं। इतना मवाद डालो पटरियों पर, रोड पर कि उनको हटाने में एक महीना लगे। जाना हो तो जाएँ एयरफोर्स से।' इसका वीडियो आप You tube पर भी देख सकते हैं। 

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