कई बार दुनिया में कई कहानियां बहुत कुछ बता जाती है, हर दिन कई ऐसे राज हमारे समक्ष आ रहे है, जिन पर यकीन करना मुश्किल तो है ही और यह लोगों को हैरान भी कर देती है. अब आप कहेंगे कि इन कहानियों पर यकीन नहीं किया जा सकता या फिर ये सब गलत है, तो हम बता दें कि आज भी इस दुनिया में कई ऐसे राज है जिनसे पूरी तरह से पर्दा नहीं उठ पाया है, और ये किस्से आज भी रहस्य है. इतना ही नहीं दुनिया भर में कई ऐसे पौराणिक और ऐतिहासिक जिक्र भी है. और इसी प्रकार के कई रहस्यमयी मंदिर आज भी है. लेकिन क्या आप जानते है, जंहा भगवान का निवास होता है, वहां के जुड़े कुछ ऐसे किस्से आपको हैरान कर सकते है, जी हां आज हम आपके लिए एक ऐसी ही रहस्यमयी जानकारी लेकर आए है. यह किस्सा कही और का नहीं, बल्कि केरल के तिरुअनंतपुरम में मौजूद पद्मनाभ स्वामी मंदिर के सातवें दरवाज़े से जुड़ा हुआ है.
जी हां ऐसा कहा जाता है कि तिरुअनंतपुरम में मौजूद पद्मनाभ स्वामी मंदिर के सात दरवाजे है, इस मंदिर के 6 दरवाजों कि कुछ समय पहले ही खोला गया था. लेकिन यह बात भी बिलकुल सच है कि पद्मनाभ स्वामी मंदिर के सातवें द्वार को आज तक नहीं खोला जा सका है, ऐसा क्यों? तो हम बता दें कि इस द्वार को केवल सिद्ध व्यक्ति ही खोल सकता है. लेकिन यह भी किसी सवाल से कम नहीं है की आज के समय में वो सिद्ध व्यक्ति मिलेगा कहा?... एक और बात जो आपको चौका देगी की ये दरवाजा भगवान तक भी जाता है, लेकीन ये बात किस हद तक सच है ओस बात से अब तक पर्दा नहीं उठ पाया है.
मिली जानकारी के अनुसार ऐसा भी कहा जाता है की पद्मनाभ स्वामी मंदिर के गर्भगृह में 2 लाख करोड़ का सोना मौजूद है लेकिन इतिहासकारों के अनुसार इसमें मौजूद सोने की राशि कई गुना है जिसको आंका नहीं जा सकता. इतना ही नहीं इस खजाने में सोने चांदी के अलावा हिरा पन्ना, रूबी, दूसरे कीमती पत्थर, सोने की मूर्तियां भी मौजूद है, जिनकी कीमत का कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता है. मंदिर में पद्मनाभ स्वामी की मूर्ति कि स्थपना कब और किसने की इस बात कोई कोई भी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है, और ये भी लोगों के लिए एक बड़ा ही रहस्य है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ये मंदिर 5000 साल पहले कलयुग के पहले दिन स्थापित किया गया था.
भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर के अंदर हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले ही जा सकते है, हम बता दें कि इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए एक खास तरह का वस्त्र भी धारण करना होगा. ऐसा कहा जाता है कि ये दुनिया का सबसे धनि हिन्दू मंदिर है, जिसमे बेसकीमती हिरे जड़े है. इतना ही नहीं इस मंदिर की एक और कहानी भी है, जिसमे बताया गया है कि 6वीं सदी में त्रावणकोर के महाराज ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था, और अपने बेसकीमती खजाने को इस मंदिर के तेखाने में और मोती दीवारों के पीछे छुपाया था. रिपोर्ट्स के अनुसार कई 100 साल तक किसी ने भी इस मंदिर के दरवाजों को खोलने की हिमाकत भी नहीं की बाद में इस मंदिर को श्रापित मना जाने लगा. ऐसा भी कहा जाता है कि पद्मनाभ स्वामी मंदिर में 6 तैखाने मौजूद है, जो पूरी तरह से श्रापित कहे जाते है और इस मंदिर का सातवा द्वार कथाओं के अनुसार एक बार खजाने की खोज करते हुए इस दरवाजे को किसी ने खोलने की कोशिश की थी. लेकिन इस दरवाजे के पीछे से जेहरीले साप निकलने लगे और उन सापों ने वहां मौजूद सभी लोगों को अपना शिकार बना लिया, माना जाता है कि ये तैखना जो कि मंदिर का 7वां द्वार भी कहा जाता है. सर कुछ मन्त्रों के उच्चारण से ही खोला जा सकता है, किसी भी आधुनिक मानव निर्मित तकनीक के जरिये इस दरवाज़े को नहीं खोला जा सकता है. और यदि ऐसा किया गया तो पद्मनाभ स्वामी मंदिर पूरी तरह से नष्ट हो सकता है. जो कि प्रलयकारी भी सिद्ध हो सकता है. दरवाजे के पीछे के खजाने का पता लगाना भले ही नामुमकिन हो लेकिन लोगों का कहना है कि इस दरवाजे के पीछे से पानी की आवाज़ आती है. और यह भी कहा जाता है की ये न सिर्फ पानी की आवाज है बल्कि सापों के सरसराने की भी आवाजें आती है. शायद यहाँ बहते हुए पानी में जेहरीले साप निवास करते है. 2011 में कोर्ट के आदेश पर मंदिर ट्रस्टी को शामिल करते हुए, इसे खोलने के लिए कुछ लोगों की कमेटी बनाई गई. कागजी करवाई के तौर पर इस मंदिर के सभी दरवाजों को इंग्लिश अल्फावेट का नाम दिया गया. और इन सभी दरवाजों के पीछे मौजूद दरवाज़ा नहीं खोला जा सका. ऐसा कहा जाता है कि ये दरवाज़ा स्टील से बना हुआ है और इस दरवाज़े पर कोबरा सापों का चित्र बना हुआ है. और इस दरवाजे पर किसी भी प्रकार का कोई भी लॉक या कब्ज़ा नहीं है. माना जाता है कि इस दरवाजे को किसी सिद्ध व्यक्ति द्वारा या कुछ खास मंत्रो के जाप से ही खोला जा सकता है.
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