नई दिल्ली: जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाए जाने की मांग वाली याचिका पर आज सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई होने वाली है। यह जनहित याचिका भारतीय जनता पार्टी (भाजपाI) नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने फाइल की है। शीर्ष अदालत ने भी इसे गंभीर मामला बताया था। साथ ही अदालत ने केंद्र सरकार से कहा था कि वो सभी राज्यों से चर्चा कर कोर्ट में हलफनामा दाखिल करे।
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति सीटी रविवकुमार की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। बता दें कि इस मामले पर पिछली सुनवाई 12 दिसंबर को की गई थी। जिसमें शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय से कहा है कि वो जनहित याचिका में अल्पसंख्यक धर्मों के खिलाफ दिए गए विवादित बयानों को हटा दें। इसके साथ ही ये सुनिश्चित करें कि ऐसी कोई टिप्पणी रिकॉर्ड में न आए।
वहीं, याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए अरविंद दातार ने अदालत के निर्देशों का पालन करने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि यदि यह अपमानजनक टिप्पणी है, तो उन्हें फ़ौरन हटा दिया जाएगा। अदालत ने केंद्र सरकार के हलफनामे की प्रतीक्षा करने के लिए सुनवाई 9 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी थी। अदालत ने कहा है कि वो हस्तक्षेपकर्ताओं की अर्जी पर अगली सुनवाई में विचार करेंगे।
पूरी तरह खत्म होगा राजद्रोह कानून ? सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
फ़रवरी में बजट पेश करेगी योगी सरकार, यूपी में निवेश पर रहेगा फोकस
'आर्थिक आधार पर हो आरक्षण..', भोपाल में करणी सेना का आंदोलन, भूख हड़ताल भी शुरू