मंडी: हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्री एवं कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने अपने इस्तीफे की खबरों को अफवाह करार देते हुए कहा है कि इस पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें इस मामले में कोई सफाई देने की आवश्यकता नहीं है। दरअसल, नेमप्लेट विवाद में विक्रमादित्य सिंह का रुख पार्टी की विचारधारा से भिन्न था, जिसके कारण पार्टी उनसे नाराज थी। इस मामले में कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने विक्रमादित्य सिंह से मुलाकात कर उन्हें पार्टी लाइन से अलग नहीं जाने की सलाह दी थी।
मुलाकात के पश्चात् कांग्रेस महासचिव ने कहा था कि उन्होंने विक्रमादित्य को पार्टी के आदर्शों एवं भावनाओं को समझाया है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि विक्रमादित्य अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि यह 'चंदूखाने की खबरें' हैं, जिन्हें नजरअंदाज किया जाना चाहिए तथा न ही मुझे इन पर प्रतिक्रिया देने की कोई आवश्यकता है।
कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने विक्रमादित्य सिंह से मुलाकात के पश्चात् पार्टी के सभी मंत्रियों एवं पदाधिकारियों को सलाह दी थी कि कोई भी पार्टी लाइन के खिलाफ बयान न दें। राहुल गांधी नफरत के खिलाफ प्यार फैलाने का प्रयास कर रहे हैं तथा हमें भी उनका समर्थन करना चाहिए। हम एकता में विश्वास करते हैं। पार्टी की तरफ से सभी पदाधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कांग्रेस की नीतियों और विचारधाराओं के विपरीत काम करना या किसी भी प्रकार का फैसला लेना गलत है।
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