नई दिल्ली: भारत और रूस की मित्रता निरंतर मजबूत होती जा रही है। रूस पहले से ही परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत का सहयोग कर रहा था, अब रूस ने एक और बड़ा ऐलान कर दिया है। उसने कहा है कि वो केवल कुडनकुलम प्रोजेक्ट ही नहीं, बल्कि नए प्रोजेक्ट्स पर भी भारत का साथ मजबूती से देने को राजी है। रूस की परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक द्वारा ये बयान आधिकारिक रूप से जारी हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत के परमाणु उर्जा आयोग के प्रमुख अजीत कुमार मोहंती रूस पहुँचे हैं। यहाँ उन्होंने रोसाटॉम राज्य परमाणु ऊर्जा निगम के महानिदेशक एलेक्सी लिकचेव और उनकी टीम के साथ बैठक की। जिसके बाद एलेक्सी लिकचेव ने रूस के सेवरस्क में अजीत कुमार मोहंती के साथ एक मीटिंग के दौरान रूस की पेशकश को सार्वजनिक रूप से बताया। रोसाटॉम द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, लिकचेव ने कहा कि हम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा के उपयोग के क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग के गंभीर विस्तार हेतु पूरी तरह तैयार हैं। दरअसल, अजीत कुमार मोहंती ने रूस में प्रोरीव या ब्रेकथ्रू परियोजना का दौरा किया था, जहाँ दोनों देशों के शीर्ष परमाणु ऊर्जा अधिकारी उपस्थित थे। इसी दौरान दोनों शीर्ष अधिकारियों की मीटिंग में रूसी पक्ष ने ये पेशकश की। रोसाटॉम राज्य परमाणु ऊर्जा निगम के महानिदेशक एलेक्सी लिकचेव ने कहा कि भारत में एक नई साइट पर रूसी-डिज़ाइन की गई उच्च क्षमता वाली परमाणु ऊर्जा इकाइयों का क्रमिक निर्माण शामिल है।
लिकचेव ने अपने बयान में कहा कि रूसी पक्ष भूमि-आधारित और अस्थायी कम-बिजली उत्पादन परियोजनाओं के कार्यान्वयन और परमाणु ईंधन चक्र और परमाणु प्रौद्योगिकियों के गैर-ऊर्जा अनुप्रयोगों में सहयोग के लिए भी पूरी तरह तैयार है। बता दें कि, फ़िलहाल रूस, तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना के निर्माण में भारत के साथ सहयोग कर रहा है, जिसमें 1,000 मेगावाट के 6 हल्के-जल परमाणु रिएक्टर होंगे। इसमें से दो मौजूदा वक़्त में बिजली उत्पादित कर रहे हैं। बता दें कि अभी तमिलनाडु के कुडनकुलम में भारत तथा रूस 6 परमाणु रिएक्टर पर कार्य कर रहे हैं, जिसपर वर्ष 2002 में काम शुरू हुआ था। कुडनकुलम न्यूक्लियर एनर्जी प्रोजेक्ट के पहले रिएक्टर से वर्ष 2014 से बिजली का प्रोडक्शन हो रहा है, तो साल 2016 से दूसरे में भी काम शुरू हो गया है। तीसरे और चौथे रिएक्टर पर काम तक़रीबन पूरा हो गया है, तो इसी माह 13 तारीख को पाँचवें और छठें रिएक्टर पर काम आगे बढ़ाने के लिए भारत-रूस में अनुबंध हो चुका है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 13 मई 2024 को रूस की यात्रा के दौरान इसपर दस्तखत भी किए थे।
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