नई दिल्ली: देश में जनगणना का कार्य अगले साल से शुरू होकर 2026 तक चलेगा। जनगणना की अनौपचारिक घोषणा के बाद, कांग्रेस ने भाजपा पर सवाल उठाते हुए जाति जनगणना की मांग तेज कर दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार से सवाल करते हुए कहा कि जाति जनगणना कराना केंद्र की जिम्मेदारी है।
जयराम रमेश ने रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के कार्यकाल के विस्तार का जिक्र करते हुए कहा कि इसका मतलब है कि 2021 में होने वाली जनगणना, जो अब तक विलंबित थी, अब जल्द ही शुरू होगी। उन्होंने कहा कि जनगणना के दो महत्वपूर्ण पहलुओं पर अभी भी स्पष्टता की कमी है और इन मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछे।
उन्होंने पूछा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की गणना तो हमेशा से होती रही है, लेकिन क्या इस बार सभी जातियों की विस्तृत गणना की जाएगी? साथ ही, क्या इस जनगणना का उपयोग लोकसभा में प्रत्येक राज्य के प्रतिनिधित्व की संख्या तय करने के लिए किया जाएगा जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 82 के तहत प्रावधान है? उन्होंने चिंता जताई कि इससे उन राज्यों को नुकसान हो सकता है जिन्होंने परिवार नियोजन में अच्छी प्रगति की है। रमेश ने इन सवालों के समाधान के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने का सुझाव दिया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी लंबे समय से जाति जनगणना की वकालत करते रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार आती है, तो वे जाति जनगणना कराएंगे। वहीं, कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने सरकार पर ओबीसी समुदाय के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। टैगोर ने भाजपा पर आरोप लगाया कि सरकार न्याय की मांग करने वाली आवाजों को नजरअंदाज कर रही है और समुदायों को उनके अधिकारों से वंचित कर रही है। उन्होंने आरएसएस, जेडीयू और टीडीपी से पूछा कि क्या वे इस मुद्दे पर जनता के साथ खड़े होंगे या चुप रहेंगे।
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